ऐसा क्या करता है दौसा का ये किसान, घर से ही बिक जाता है पूरा अनाज, मिलता है दोगुना दाम

रिपोर्ट- पुष्पेंद्र मीना
दौसा: सब्जी और फसलों को पैदा करने और उन्हें रोगों से बचाने के लिए कई तरह के जहरीले केमिकल का इस्तेमाल होता है. ये केमिकल लोगों को काफी नुकसान भी पहुंचाते हैं. इसी वजह से बीते कुछ साल में ऑर्गेनिक अनाज, फल और सब्जियों की डिमांड बढ़ी है. ऑर्गेनिक फल, सब्जी और अनाज की कीमत भी ज्यादा होती है. ऐसे में कई लोगों के लिए बिना केमिकल वाली जैविक खेती कमाई का एक बढ़िया जरिया भी उभर कर सामने आया है. राजस्थान के दौसा जिले में भी एक किसान पारंपरिक खेती के साथ जैविक खेती भी कर रहा है और अन्य किसानों से अधिक मुनाफा कमा रहा है.
हम बात कर रहे हैं दौसा जिले के कालवान निवासी राजाराम मीना की. वह पारंपरिक खेती के साथ जैविक खेती भी कर रहे हैं. राजाराम ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह 2016 से जैविक खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब से वह जैविक खेती करने लगे तो उन्हें अपने घर परिवार में भी इसके फायदे देखने को मिल रहे हैं. राजाराम ने बताया कि उन्हें जैविक खेती के अनेक फायदे हो रहे हैं. अब उनके परिवार के सदस्य बीमार भी कम होते हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें जैविक खेती से तैयार फसल का भाव भी ज्यादा मिलता है. इससे उनके परिवार की आमदनी भी बढ़ी है. किसान ने बताया कि रासायनिक गेहूं और सब्जी के कारण कई बीमारियां होती हैं.
जैविक खेती के फायदेकिसान राजाराम मीणा बताते हैं कि जैविक खेती से अनेक फायदे हैं. जैविक खेती औषधि खेती के रूप में होती है. इस खेती से पैदा हुआ अनाज बहुत ही स्वादिष्ट होता है और इस अनाज और सब्जी को खाने से परिवार के सदस्य बीमार भी कम होते हैं. उन्होंने कहा कि जब से वह जैविक खेती करने लगे हैं तभी से लगातार देख रहे हैं कि परिवार के बच्चे और पत्नी सहित अन्य महिलाएं बहुत कम बीमार हुई हैं. इसका एक फायदा उन्होंने यह भी बताया कि जैविक तरीके से तैयार फसल को खरीदने लोग उनके घर पर ही आ जाते हैं. ऐसे में उन्हें अनाज और सब्जी बेचने के लिए बहुत मेहनत भी नहीं करना पड़ता.
मिलता है फसल का अच्छा भावलोकल 18 को किसान राजाराम ने बात कि रासायनिक तरीकों से तैयार बाजरे का भाव 20 से 25 रुपये प्रति किलो रहता है और जैविक तरीके से तैयार बाजरे की कीमत बाजार में डबल हो जाती है. बाजार में उन्हें उनके बाजरे का 45 से 50 रुपये प्रति किलो का भाव मिल जाता है. जैविक खेती से तैयार गेहूं, सरसों, गेहूं और चने का भाव भी डबल होता है.
घर से ही बिक जाता है अनाजकिसान राजाराम ने बताया कि जैविक खेती से तैयार अनाज के इतने खरीदार हो जाते हैं कि घर से ही उनका पूरा अनाज बिक जाता हैं. उन्हें अपने अनाज को बेचने के लिए बाजार जाने की जरूरत ही नहीं होती. उन्होंने बताया कि घर पर ही इतने खरीददार आते हैं कि वह सभी को अनाज नहीं दे पाते हैं. उन्होंने बताया कि रासायनिक तरीके से तैयार अनाज का भाव बाजार में 2,500 रुपये क्विंटल होता है तो जैविक खेती से तैयार अनाज आसानी से 3,000 रुपये क्विंटल बिक जाता है. राजाराम अन्य किसानों को भी जैविक खेती करने की सलाह देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 22:17 IST