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नई दिल्‍ली. राजधानी दिल्‍ली का अजूबा के रूप में मशहूर बुराड़ी का सबसे छोटा 6 गज का मकान एक बार फिर से चर्चा में है. इस तीन मंजिला मकान को लेकर तरह-तरह की बातें बीते एक साल से उठ रही थीं. हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर में भी इस मकान में रहने वाला हर शख्स कोरोना संक्रमित होने से बचा रहा. लॉकडाउन में भी इस मकान में रहने वाले लोग सुरक्षित रहे. कोरोना काल में भी इस मकान में रहने वाला हर शख्स सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. इस मकान में पिछले कई सालों से पांच सदस्यों का एक परिवार रह रहा है. हालांकि, पिछले साल से इस मकान को तोड़ने की खबर मीडिया में आई थी, जो झूठ निकली. पिछले साल मीडिया में खबर आई थी कि नियमों को ताक पर रखकर ये मकान बनाया गया है, जिसे एमसीडी द्वारा कभी भी तोड़ा जा सकता है. हालांकि, इस मकान के मालिक ने इससे साफ इंकार किया है और न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में बताया है कि मकान उसी जगह पर मौजूद है, जहां पहले हुआ करती थी.

बता दें कि इस मकान को देखकर अच्‍छे-अच्‍छे आर्किटेक्‍ट और बिल्‍डरों के होश उड़ जाते हैं. इस मकान को बनाने वाला कारीगर बिहार का रहने वाला था, जो अब मकान बेच कर गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. जहां तंग गलियों से निकलने पर लोग झल्ला जाते हैं, वहीं एक शख्स ने तंग जमीन पर तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी. मकान का मौजूदा मालिक पवन कुमार उर्फ सोनू ने ये मकान चार साल पहले अरुण कुमार से खरीदा था. अरुण राजमिस्त्री का काम करता था और बिहार का रहने वाला था. सोनू ने यह मकान फिलहाल यूपी के एक परिवार को किराया पर दे रखा है. बीते तीन सालों से यह परिवार इस मकान में रह रहा है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी यह परिवार घर नहीं गया और इसी मकान में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया.

जहां तंग गलियों से निकलने पर लोग झल्ला जाते हैं, वहीं एक शख्स ने तंग जमीन पर तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी.छह गज का मकान, दिल्‍ली छह गज का घर, delhi six yard house, smallest house of delhi, delhi smallest house, lockdown experience in smallest house of delhi, delhi life in corona lockdown, lockdown diaries, lockdown special story, second wave corona in delhi, लॉकडाउन स्‍टोरी, लॉकडाउन के अनुभव, कोरोना और सोशल डिस्‍टेंसिंग, सबसे छोटा घर, बिल्‍डर, कला का नमूना, अजब गजब, आठवां अजूबा, कोरोना की दूसरी लहर

जहां तंग गलियों से निकलने पर लोग झल्ला जाते हैं, वहीं एक शख्स ने तंग जमीन पर तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी.

कोरोना काल का अनुभव मकान में रहने वाले के लिए कैसा रहा
ऐसे में कोरोना के प्रकोप के बीच लॉकडाउन में घर में बंद रहने का कैसा अनुभव रहा और सोशल डिस्‍टेंसिंग के आदेशों के बीच यह परिवार कैसे 6 गज के मकान में एक मीटर की दूरी का पालन किया यह जानना काफी दिलचस्‍प है. इस सबसे छोटे घर का मालिक सोनू न्‍यूज 18 हिंदी से बातचीत में कहते हैं, यूपी का एक परिवार पिछले कई सालों से इस मकान में रह रहा है. दिल्ली में कोरोना के दोनों लहरों के बीच हुए लॉकडाउन और फिर अनलॉक में यह परिवार सुरक्षित रहा. इस मकान में पिछले कई सालों से पिंकी और उसका पति संजय सिंह, जो गुरुग्राम की एक कंपनी में ड्राइवर का काम करता है रह रहे हैं. पिछले साल संजय का काम छूट गया था, फिर भी वह कोरोना काल इसी मकान में गुजारा.

कितने लोगों का है परिवार?
मकान में रहने वाली पिंकी के मुताबिक, ‘कोरोना की दूसरी लहर में भी बच्‍चों को बाहर जाने से मना कर दिया था. बड़ा बेटा अब 20 साल का हो गया है और छोटा 12 साल का हो गया है. दोनों बेटे बाहर जाने के लिए परेशान होते थे, लेकिन क्‍या करें बीमारी का डर था तो इसी छह गह के बैडरूम में रहना पड़ता था. मेरा ज्‍यादातर समय रसोई में गुजरने लगा. बच्‍चों के स्‍कूल भी बंद हो गए. घर के उस सिंगल बैड वाले कमरे में बैठकर ही कुछ दिन पहले तक बच्‍चों को ऑनलाइन क्‍लास लेनी पड़ती थी, उसी के एक कोने में मैं और मेरे पति बैठे रहते थे. जब बच्‍चों की क्‍लास बंद होती तो टीवी हमलोग साथ देखते थे.’

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पिछले साल संजय का काम छूट गया था, फिर भी वह कोरोना काल इसी मकान में गुजारा.

पिछले साल यह मकान क्यों चर्चा में रही?
गौरतलब है कि 6 गज में बना यह मकान पिछले कई सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है. मात्र 6 गज की जमीन पर पांच लोगों का परिवार कैसे रह रहा है इसकी कल्पना क्या कोई कर सकता है? क्या कोई 6 गज जमीन में अपना आशियाना बसा सकता है? लेकिन, यह सच साबित हो रहा है.

मकान में कितने कमरे हैं?
बता दें कि इस तीन मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर फर्स्ट फ्लोर के लिए जाने का रास्ता है और साथ में वॉशरूम है. अगर आप सेकेंड फ्लोर पर जाएंगे तो यहां एक बेडरूम और उससे सटा एक वॉशरूम नजर आएगा. बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए रास्ता निकला हुआ है. पहली मंजिल पर पहुंचते ही एक बेड आपको नजर आएगा. इस बेड को मकान मालिक ने कमरे के अंदर ही बनवाया था. तब से अब तक वो बेड उस कमरे की शोभा बढ़ा रहा है. पहली मंजिल से दूसरी मंजिल पर जाने पर वहां पूजा और किचन दोनों के सामान नजर आएंगे.

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बुराड़ी इलाके में 6 गज में बना यह मकान लगातार चर्चा में रहती है.

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दिल्ली के बुराड़ी के झरोदा वार्ड के गली नंबर-65 के पास बने इस 6 गज के तीन मंजिला मकान को देखने के लिए अब भी दूर-दूर से लोग आते हैं. मकान मालिक और मकान में रहने वाले लोगों को भी इससे काफी ख्याति मिल रही है. मकान मालिक ने जहां घर बेचने के अपने फैसले को टाल दिया है वहीं, किरायेदार के लिए भी यह मकान छोड़ते नहीं बन रहा है.

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