अजमेर में स्थित 1140 साल पुराना मां चामुंडा का ऐतिहासिक मंदिर, भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
रतन गोठवाल/ अजमेर: राजस्थान के अजमेर में अरावली की पहाड़ियों पर स्थित मां चामुंडा का प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. यह मंदिर 1140 साल पुराना है और इसे सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने स्थापित किया था. माना जाता है कि यहां मां चामुंडा साक्षात विराजमान हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.
सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने की थी मंदिर की स्थापनामंदिर के पुजारी के अनुसार, यह मंदिर अजमेर के बोराज गांव की पहाड़ी पर स्थित है. इसकी स्थापना सम्राट पृथ्वीराज चौहान द्वारा की गई थी और इसे उनकी कुल देवी का मंदिर माना जाता है. पृथ्वीराज चौहान मां चामुंडा के अनन्य भक्त थे और उन्होंने मोहम्मद गौरी को 17 बार युद्ध में परास्त करने का श्रेय मां चामुंडा के आशीर्वाद को दिया था. स्थानीय लोग मां चामुंडा को चामुंडा माई कहकर पुकारते हैं और यह मंदिर उनके लिए विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है.
1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित मंदिरमंदिर लगभग 1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पूरे देश से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. मन्नत पूरी होने पर भक्त मां के मंदिर में चुनरी बांधते हैं. पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर में माथा टेककर हर श्रद्धालु खुद को धन्य महसूस करता है.
तलवारों के साए में होती है आरतीइस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां आरती के दौरान दो लोग तलवार लेकर चलते हैं और आरती की ज्योत तलवारों के साए में होती है. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मंदिर की आरती और वहां की धार्मिक गतिविधियां भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक धरोहर है बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है.
FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 20:49 IST