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‘मैं भारत से भागा नहीं’, गुलशन कुमार हत्याकांड पर जब तोड़ी थी संगीतकार नदीम ने चुप्पी, लगा था गलतफहमी है लेकिन…

नई दिल्ली. ‘दुल्हन सी सजी धरती खुला वो आसमान, बुलाता है हमें फिर वो चाहत का जहां आ अब लौट चलें…’ साल 1999 में आई फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ ये गाना संगीत निर्देशक नदीम सैफी की जिंदगी से काफी मिलता है, जो करीब 26 सालों के बाद भी अपनी मातृभूमि के लिए तरसते हैं. एक दर्द जो उनके दिल की धड़कनों के साथ गूंजता है. 12 अगस्त 1997 को टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की मुंबई के साउथ अंधेरी इलाके में स्थित जीतेश्वर मंदिर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड ने नदीम की जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी.

संगीतकार नदीम सैफी, जिन्होंने बॉलीवुड को कई सुपरहिट गाने दिए. करियर ऊंचाईयों पर पहुंचा ही था कि अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि नदीम पर संगीन आरोप लग गए. संगीतकार नदीम सैफी पर गुलशन कुमार की हत्या की प्लानिंग का आरोप लगा.

जब नदीम सैफी ने रखा अपना पक्षनदीम सैफी का केस में नाम सामने के बाद वह इंग्लैंड भाग गए. साल 2002 में एक भारतीय कोर्ट ने सबूत न होने की वजह से उनके खिलाफ हत्या में शामिल होने के केस को रद्द कर दिया गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के वारंट को वापस नहीं लिया गया. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप पर खुलकर बात करते हुए अपना पक्ष रखा था.

लगा था गलतफहमी है लेकिन…नदीम सैफी ने मीडिया को दिए एक पुराने इंटरव्यू में इस केस से जुड़ी कई बातें सामने रखी थी. उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगा था कि ये लोगों के मन में एक गलतफहमी है और ये जल्द ही दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चीजें इतने बुरे मोड़ पर आ जाएगी. गुलशन कुमार के लिए मैं उनके छोटे भाई के समान था और मुझसे बहुत ही प्यार करते थे.

‘मैंने बेवजह का वनवास भोगा’उन्होंने कहा था कि मैं इंडिया वापस आना चाहता हूं ताकि अपने आपको बेकसूर साबित कर सकूं. मैंने बेवजह का वनवास भोगा है, जिस व्यक्ति ने भारत और एशियाई लोगों का इतना मनोरंजन किया हो, उसके साथ इतना बड़ा अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं भारत से भागा नहीं था. इसे गलत तरीके से लिया गया.

मुझे केस में फंसाया गयाइंटरव्यू में जब नदीम से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्हें इस केस में फंसाया गया है तो वो बोले, ‘बिलकुल, मुझे फंसाने के लिए षड़यंत्र रचा गया. यूके हाईकोर्ट, यूके सुप्रीम कोर्ट, द हाउस ऑफ लॉर्ड्स और यहां तक कि सेशन कोर्ट जज जस्टिस एमएल तहिलयानी ने कंफर्म कर दिया था कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मेरे साथ बहुत नाइंसाफी हुई है लेकिन मुझे कानून पर भरोसा है’.

अपने प्लान केवल अपने तक ही सीमित रखने चाहिएनदीम ने कहा था कि मुझे खुशी है कि लोग मेरे साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन 25 साल गुमनामी में बिताने के बाद मुझे एक बात समझ में आ गई है कि अपने प्लान केवल अपने तक ही सीमित रखने चाहिए. मुझे बुरी नजर का डर लगता है. ऐसे में होने वाली चीज फिर नहीं होती.

Tags: Entertainment Special, Gulshan Kumar

FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 16:06 IST

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