There is a temple of former Vice President Bhairon Singh Shekhawat, people of his native village still love him, all the decisions of the village are taken in front of Babosa
सीकर:- संपूर्ण देश में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत का नाम बड़े अदब से लिया जाता है. स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत का सम्बंध सीकर जिले से है. उनका जन्म दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के खाचरियावास गांव में हुआ था. खाचरियावास गांव सहित पूरे देश के लोग उन्हें प्रेम से बाबोसा के नाम से पुकारते थे. बाबोसा अपने पैतृक गांव से बहुत प्रेम करते थे. उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति पद को सुशोभित करने के बाद भी अपने गांव को नहीं छोड़ा. इसी प्रेम के कारण ग्रामीण आज उनकी पूजा करते हैं. बाबोसा के प्रति प्रेम के कारण गांव में ही उनका एक मंदिर बनाया गया है. गांव में सामूहिक रूप से जब भी कोई शुभ कार्य होता है, तो सबसे पहला निमंत्रण पत्र बाबोसा के मंदिर में रखा जाता है.
सीकर जिले का खाचरियावास गांव पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत का पैतृक गांव है. बाबोसा ने इसी गांव में जन्म लिया और बड़े हुए. बाबोसा की राजनीतिक शुरुआत भी इसी गांव से मानी जाती है. उन्होंने पहला चुनाव जनसंघ पार्टी की टिकट से इसी गांव में रहकर लड़ा था. चुनाव के समय ग्रामीणों ने बाबोसा का सहयोग किया, इस कारण वे दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने थे.
पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत का मंदिरबाबोसा का मंदिर उनके पैतृक गांव खाचरियावास में मौजूद है. इस मंदिर की देख-रेख योगी समाज के लोग करते हैं. मंदिर पुजारी ने लोकल 18 को बताया कि बाबोसा की पत्नी स्वर्गीय सूरज कंवर ने भगवान शिव का मंदिर बनवाया था. बाबोसा की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था थी. वे इसी मंदिर में आकर पूजा करते थे. बाबोसा के स्वर्गवास के बाद ग्रामीणों ने इसी शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाकर 2005 में उनका मंदिर बनवाया. इस मंदिर में उनकी पत्नी स्वर्गीय सूरज कंवर, पिता देवी सिंह व माता बन्ने कंवर की भी मूर्तियां लगाई हुई हैं. प्रतिवर्ष बाबोसा के जन्मदिवस पर इसी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
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शुभ कार्य में सबसे पहले आमंत्रणग्रामीणों का मानना है कि इस गांव में जो कुछ भी है, वह बाबोसा की वजह से है. बाबोसा कभी उनके गांव के साथ कभी गलत नहीं होने देंगे, उन्होंने गांव के विकास के लिए अनेक कार्य किए हैं. उनके कारण खाचरियावास गांव संपूर्ण भारत में पहचाना जाता है. इस कारण गांव में जब भी कोई सामूहिक रूप से शुभ कार्य होता है, तो सबसे पहला आमंत्रण कार्ड बाबोसा के मंदिर में रखा जाता है. यहां पूजा अर्चना के बाद ग्रामीण सामूहिक तौर पर वह शुभ कार्य करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 15:28 IST