Rajasthan

बहुत चमत्कारी है इन महान संत के पद चिन्ह, सात बार परिक्रमा करने से ठीक हो जाता है लकवा ग्रस्त मरीज

नागौर. हिंदू धर्म में संतों को ईश्वर का दर्जा प्राप्त होता है. आज भी लोंगों में संतों को लेकर आस्था कायम है. हिंदू धर्म में संत परंपरा सदियों से चली आ रही है. नागौर जिले के नावां गांव से 7 किलोमीटर दूर नमक झील के किनारे बने महान संत दादू दयाल के संतों के पगल्या वाला मंदिर बना है. मान्यता रही है कि यहां लकवा ग्रस्त मरीज को मंदिर के बीचो-बीच बड़ा धुणा बना हुआ है जिसकी परिक्रमा करने से लकवाग्रस्त मरीज ठीक हो जाते हैं.

मंदिर परिसर में धुणे से भभूत लेकर मंदिर के चारों ओर सात बार परिक्रमा करते हैं और चमत्कारी रूप से मरीज ठीक हो जाते हैं. भक्त कैलाश बताते हैं कि यहां दादू संत परंपरा के संत के पद चिन्ह मौजूद है. यहां लकवा ग्रस्त मरीज दूरदराज से आते हैं. मंदिर परिसर में ही बड़ी धर्मशाला बनी है जहां मरीज व परिजन ठहरते हैं.

कौन है पगल्या वाले संतनागौर के नावां शहर के नजदीक क्षेत्र में पगल्या वाले बाबा का मंदिर बना है. भक्त कैलाश बताते हैं कि दादू दयाल परंपरा के संत के पगल्या की यहां पूजा होती है. नरेना प्रधान पीठ के सानिध्य में यह पीठ संचालित है. यहां पर मूर्ति के प्रतीक के तौर पर यहां पगल्ये रखें है. यहां पगल्या को संत मानकर पूजा की जाती है जहां चमत्कारी रूप से मरीज ठीक होते हैं.

पगल्या वाले संत का चमत्कार जयपुर ग्रामीण के रामपुरा गांव के विनोद ने बताया कि पगल्या वाले बाबा का चमत्कार हमने सुना था, मेरी मां लकवा ग्रस्त है. हमने यहां के बारें में सुना था. हम यहां पिछले 7 दिन हैं. मंदिर के चारों ओर परिक्रमा करने से मरीज को बहुत आराम मिल रहा है. विनोद बताते हैं कि यहां बनी धर्मशाला में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है यहां से भभूत लेकर यहां सुबह-शाम की आरती में शामिल होते हैं और भभूत लेकर लकवा वाले शरीर पर भभूत लगाने से मरीज ठीक हो जाते हैं.

मंदिर में बनी है गौशालानावां नमक झील किनारे स्थित पगल्या वाले बाबा मंदिर परिसर में एक बड़ी गौशाला भी बनी है. यहां सैकड़ों गायों को रखा जाता है. गौशाला का रखरखाव मंदिर कमेटी के द्वारा ही किया जाता है. गौशाला सहायक ने बताया कि यहां गायों का सारा रखरखाव मंदिर कमेटी द्वारा ही किया जाता है. गायों से प्राप्त दूध से पैसे मंदिर विकास पर खर्च किये जाते है मंदिर में आये भक्तों से किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जाती है. गौशाला का रखरखाव आपसी सहयोग से किया जाता रहा है.

Tags: Local18, Nagaur News, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 12:54 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj