Salumbhar upchunav: सलूंबर के चुनावी दंगल में गहराया पानी का मुद्दा, लोगों का फूटा गुस्सा, देखें Ground Report
सलूंबर. आगामी 13 नवंबर को राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें से एक सीट सलूंबर विधानसभा की भी है. सलूंबर राजस्थान का एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जिसका गठन 1957 में हुआ था. लेकिन इन 67 वर्षों में सरकारें यहां बुनियादी सुविधाएं भी पूरी तरह से नहीं पहुंचा पाई हैं. सरकार के कई दावों के बावजूद, पानी की समस्या आज भी यहां एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
जब लोकल 18 की टीम सलूंबर विधानसभा के मतदाताओं के बीच पहुंची, तो पानी की समस्या एक प्रमुख मुद्दे के रूप में सामने आई. सलूंबर के मेवल क्षेत्र में हजारों लोग हर दिन पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कई लोग निजी फाइनेंस कंपनियों से लोन लेकर कुएं खुदवा रहे हैं, तो कई अभी भी हैंडपंप के जरिए अपनी पानी की जरूरत पूरी कर रहे हैं. गांवडापाल पंचायत के 30 वर्षीय निवासी नारायण मीना बताते हैं, ‘करीब 2 साल पहले मैंने अपने खेत में कुआं खुदवाने के लिए एक निजी फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था, लेकिन समय पर लोन चुकाने में असमर्थ रहा, तो अब फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट मुझे परेशान करते हैं.’ इस पंचायत में मीना आदिवासी जनजाति के लोग अधिक संख्या में रहते हैं और अभी भी नल से पानी की आस लगाए बैठे हैं.
पानी का गरमाया मुद्दालोकल 18 को मौके से मिली जानकारी के अनुसार, मेवल के अधिकतर गांवों में सरकार अभी तक पानी की सुविधा नहीं पहुंचा पाई है. जल जीवन मिशन के तहत 5 महीने पहले कई घरों में नल कनेक्शन तो दिए गए हैं, लेकिन उनमें पानी अभी तक नहीं आ रहा है. लोग अब भी हैंडपंप और कुओं पर निर्भर हैं. पानी की कमी के कारण कई परिवार फाइनेंस कंपनियों के कर्जदार हो गए हैं और सरकार से उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है. फिलहाल, सलूंबर में चुनाव का माहौल है और पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. अब देखना यह होगा कि आने वाली सरकार सलूंबर के लोगों की प्यास बुझा पाएगी या नहीं.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 15:48 IST