The Crook Who Passed The Builder’s Information To The Gangster Laureus – बिल्डर की सूचना गैंगस्टर लॉरेस तक पहुंचाने वाला बदमाश गिरफ्तार

जवाहर नगर थाना पुलिस ने राजापार्क में रहने वाले आरोपी को पकड़ा

पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच की टीम को बड़ी सफलता मिली हैं। गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और उसके गुर्गे सम्पत नेहरा को पकड़ने के बाद लॉरेस विश्नोई तक बिल्डर की सूचना पहुंचाने वाले आनंद शांडिल्य को गिरफ्तार किया हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि आनंद अजमेर हाईसिक्योरिटी जेल में बंद था और वहां गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और उसके गुर्गे बंद थे। अजमेर हाईसिक्योरिटी जेल में में लॉरेंस और उसके गुर्गों से संपर्क हुआ। आरोपी आनंद जेल से छूटने के बाद विवादित जमीनों को लेकर काम करने लगा। सफेदपॉश बनकर राजापार्क निवासी बिल्डर से कई बार मिला। लेकिन बिल्डर को उसके संबंध में अधिक जानकारी नहीं थी। आरोपी आनंद शांडिल्य ने बिल्डर के साझे में काम करने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। तब उसने तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस तक बिल्डर की सूचना पहुंचाई। पुलिस आरोपी आनंद से पूछताछ कर रही है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस से सीधे संपर्क किया या फिर उसके किसी गुर्गे को सूचना देकर लॉरेंस तक बिल्डर से वसूली करने की बात पहुंचाई।
हार्डकोर बदमाश है आनन्द शाडिल्य
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी आनन्द शाडिल्य (50) पुत्र विजय कुमार तिलक नगर आदर्श नगर का रहने वाला हैं। आनन्द आदर्श नगर जयपुर पूर्व का हार्डकोर अपराधी हैं। उसके खिलाफ हत्या, फोरजरी, कूटकरण, जेल में मोबाइल काम में लेने, आर्म्स एक्ट, राजकार्य में बाधा, आत्महत्या का प्रयास, रंगदारी जैसे संगीन मामलों में लिप्त रहा हैं।
आनन्दपाल गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है शाडिल्य
पुलिस ने बताया कि आनन्द कुख्यात आनन्दपाल गैंग का सक्रिय सदस्य रहा हैं। जिसके द्वारा गैंग के साथ व इसके नाम से धमकी देकर सीधे सादे लोगों से विवादित भूमि विवादों में अपना दखल देकर कब्जे करना और करवाना तथा सस्ते दामों में सौदा करवाना तथा इसमें अपना तथा अपनी गैंग का हिस्सा प्राप्त करना अनुसंधान में सामने आया हैं। अनुसंधान में सामने आया कि आरोपी अजमेर जेल में बंद के दौरान गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और आनन्द गैंग के गुर्गे सुभाष बराल के सम्पर्क में आया था। जिनमें सम्पर्क कर इस प्रकरण की घटना को अंजाम देने का आपराधिक षड़यत्र रचा गया हैं। आरोपी परिवादी का पूर्व परिचित और जानकार हैं। जिसने व्यापारिक गतिविधियों के बारे में आनन्द पाल के गुर्गे सभाष बराल के माध्यम से गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और उसके मुख्य गुर्गे सम्पत नेहरा को जानकारी उपलबध करवाई।
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