Rajasthan university study of Vedas and Upanishads compulsory to take exam Spiritual Guru Swami Abhishek Brahmachari
जयपुर. नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के पाठ्यक्रम में लगातार नए-नए विषयों को विश्वविद्यालयों से जोड़ा जा रहा है. राजस्थान में भी इसकी शुरुआत हो गई है. राजस्थान के सबसे पुराने और सबसे बड़े विश्वविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय में अब नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को वेद पढ़ाया जाएगा. इस विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी के छात्रों को 2 किताबों के साथ वेदों की शिक्षा दी जाएगी, जिसमें विशेष रूप से भारतीय ज्ञान और दर्शन के सिलेबस को शामिल किया गया है.
इस नए सिलेबस के तहत छात्रों को दर्शनशास्त्र में अब वेद और उपनिषद के सिलेबस में करपात्री महाराज की किताबें गोपी गीत और वेद पढ़ाया जाएगा. विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी में इन सब्जेक्ट को कंपलसरी वैल्यू ऐडेड कोर्स के रूप में पढ़ाया जाएगा. ऐसे में स्टूडेंट्स का इनमें पास होना भी अनिवार्य होगा. राजस्थान विश्वविद्यालय में वेद और उपनिषद यूनिवर्सिटी के फिलॉसफी डिपार्टमेंट में पढ़ाया जाएगा. इसकी जानकारी खुद राजस्थान विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रो. अल्पना कटेजा ने दी है.
यूजी और पीजी के साथ पढ़ेंगे वेद और उपनिषद
आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति से पहले भी राजस्थान विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स विषय के अनुसार वेद और उपनिषद की शिक्षा ले रहे हैं. लेकिन, अब अलग-अलग विभागों में भारतीय ज्ञान को समायोजित करते हुए सिलेबस में परिवर्तन किया जाएगा और सभी स्टूडेंट्स को वेद और उपनिषद पढ़ाया जाएगा. आपको बता दें कि राजस्थान विश्वविद्यालय में वेद और उपनिषद की पढ़ाई का सुझाव आध्यात्म गुरु स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने दिया है, जिसमें विशेष रूप से स्टूडेंट्स के सिलेबस में गोपी गीत और वेद पढ़ाया जाएगा. विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के अनुसार यूजीसी से मिले परामर्श के तहत दर्शनशास्त्र में इंडियन वैल्यू सिस्टम मॉड्यूल की संरचना की गई है. अब इसे विश्वविद्यालय के यूजी के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा. इसी तरह पीजी में दर्शनशास्त्र पहले और दूसरे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए शास्त्रीय भारतीय दर्शन को विशेष रूप से पढ़ाया जाएगा.
भारतीय ज्ञान परंपरा शोध केन्द्र की होगी स्थापना
राजस्थान विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स के लिए वेद और उपनिषद को पाठ्यक्रम में शामिल करने के अलावा जल्द ही विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा शोध केन्द्र की स्थापना भी की जाएगी, जिससे विद्यार्थी भारतीय परपंराओं से रूबरू हो सकेंगे. साथ ही विश्वविद्यालय में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को इस केन्द्र में भारतीय ज्ञान परम्परा के दृष्टिकोण सहित साहित्य, दर्शन तथा विज्ञान आदि विषयों से जुड़े शोध विद्यार्थियों को फायदा होगा. स्टूडेंट्स के लिए शामिल की गई किताबों के अनुसार प्रोफेसर उन्हें पढ़ाएंगे और स्टूडेंट्स की परिक्षा भी होगी. जिसे पास करना भी अनिवार्य होगा.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 14:22 IST