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पाली. कृषि क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. पाली जिले के अंतर्गत आने वाले मगरा के 13 गांवो की बात करें तो यहां पर 40 छोटे-मोटे एनीकट से किसानों को 510 हैक्टेयर में सिंचाई करने का लाभ मिल सकेगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत रायपुर उपखंड के कलालिया, बगड़ी, कोट किराना, पचानपुरा और कालब कला गांवों में 40 नए एनीकट और जल ग्रहण संरचनाएं बनाई गई हैं. इन संरचनाओं पर 2.5 लाख से 12 लाख रुपये तक का खर्च आया है. इससे 5 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों के 510 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा मिली है.
बेसलाइन मैपिंग की गई तैयारजल संरक्षण विभाग के सहायक अभियंता महेंद्र सैनी ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे कर बेसलाइन मैपिंग तैयार की गई. इसके आधार पर नालों, नदियों और पहाड़ों पर विभिन्न प्रकार के जल संरक्षण ढांचे जैसे गेबियन स्ट्रक्चर, चेकडैम, डबरी, परकोलेशन टैंक आदि बनाए गए हैं. जिससे अब किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलने के साथ ही काफी लाभ मिलने वाला है.
हो रहा जल संरक्षण वैज्ञानिक पद्धति में नए संरचनाओं के निर्माण से क्षेत्र के भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. कुओं और ट्यूबवेलों में पानी का स्तर बढ़ने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी की समस्या नहीं हो रही है. ग्राम पंचायत पचानपुरा के सरपंच केसर सिंह ने बताया कि पहले किसान केवल बाजरा ही उगा पाते थे लेकिन अब वे गेहूं जैसी अन्य फसलें भी लगाने लगे हैं. यह योजना पानी के बेहतर उपयोग का एक उदाहरण है. पहले पानी की अनावश्यक बर्बादी होती थी, जिससे भूजल स्तर गिर रहा था. इन संरचनाओं के निर्माण से पानी का संरक्षण हो रहा है और किसानों को पर्याप्त पानी मिल रहा है.
आय में बढ़ोतरी की उम्मीद इस योजना से किसानों की आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. पहले पानी की कमी के कारण किसान एक ही फसल लगा पाते थे लेकिन अब वे विभिन्न फसलें उगाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. किसानों में इस पद्धति का इस्तेमाल करने के बाद किए गए नवाचार के बाद खुशी का माहौल भी है.
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 11:46 IST