ज्योत्स्ना मिश्रा के सम्मान में रखा एग्जिबिशन, हेमा मालिनी को पुराने दिन आए याद- ‘अयोध्या गई थी तब…’
नई दिल्ली: अयोध्या की राजकुमारी मंजरी मिश्रा ने अपनी माता दिवंगत रानी ज्योत्स्ना मिश्रा की स्मृति में नई दिल्ली के त्रावणकोर पैलेस में “शुभ्रज्योत्स्ना” नाम के एक खास एग्जिबिशन का आयोजन किया. इवेंट सुबह 11 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 30 मिनट तक चला. इवेंट में हेमा मालिनी के साथ सुधा मूर्ति और सोनल मानसिंह भी शामिल हुईं.
इवेंट में शिल्प मंजरी ब्रांड के तहत उनके महल के वर्कशॉप में बने पोशाक, गहनों और सजावटी वस्तुओं का अद्भुत कलेक्शन प्रदर्शित किया गया, जिस पर महारानी ज्योत्स्ना की छाप दिखी. इवेंट का उद्घाटन खास गेस्ट हेमा मालिनी और सुधा मूर्ति ने किया. हेमा मालिनी अयोध्या के शाही परिवार की करीबी रही हैं. इस अवसर पर पद्मभूषण सुधा मूर्ति (प्रसिद्ध लेखिका, समाजसेवी और राज्यसभा सदस्य) और पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह (प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और सांस्कृतिक आइकन) ने भी शिरकत की.
(फोटो साभार: IANS)
प्रदर्शनी को राजकुमारी मंजरी मिश्रा ने क्यूरेट किया. अयोध्या के बीडिंग स्कूल, अवध की जरदोजी और वस्त्रों पर हाथ से की गई कलाकारी की शाही परंपरा को यहां प्रदर्शित किया गया. उनके कलेक्शन में पंचतंत्र की कहानियों से सजी पोटली, बेल्ट और भारतीय वन्यजीव व वनस्पतियों से प्रेरित मखमली हेयर बैंड, मोती से अलंकृत वस्त्र और कढ़ाईदार साड़ियां भी शामिल हैं. इन्हें हाथ से निर्मित कमरबंद, केप्स और शॉल के साथ प्रस्तुत किया गया.
गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीकमंजरी ने आयोजन पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह प्रदर्शनी मेरी मां के शिल्प प्रेम को समर्पित है. उनकी वजह से मैंने अयोध्या की समृद्ध गंगा-जमुनी संस्कृति को समझा, जहां परंपराएं एक-दूसरे में घुल-मिल जाती हैं और हर कारीगर, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, हमारी विरासत का संरक्षक बनता है. ‘शुभ्रज्योत्स्ना’ केवल शिल्प का उत्सव नहीं है, बल्कि उन मूल्यों का भी उत्सव है, जो मेरी मां को बहुत प्रिय थे और वह है एकता और सद्भाव.’
हेमा मालिनी ने पुरानी यादें कीं ताजाराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लेखक और विद्वान यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा ने कहा, ‘हमारी मां परंपराओं के साथ ज्ञान का भी भंडार थीं. उन्होंने हमें सिखाया कि कला हमारी जड़ों और एक-दूसरे से जोड़ने की सेतु है. मंजरी की ‘शुभ्रज्योत्स्ना’ इस भावना को खूबसूरती से प्रदर्शित करती है, जो अयोध्या की धरोहर को जीवंत करती है.’ इवेंट में पहुंची हेमा मालिनी ने कहा, ‘महारानी ज्योत्सना मिश्रा जी अयोध्या की रानी थीं, अब वह नहीं हैं मगर उनकी याद में एक एग्जीबिशन यहां पर लगाया जा रहा. उनके परिवार में सभी कलाकार हैं. उन्होंने पेंटिंग्स बनाई थीं, बहुत सारे कारीगरों को एक-साथ रखकर अच्छी चीज बनाई. मेरी बहुत इच्छा थी कि मुझे महारानी से मुलाकात करने का मौका मिले. जब मैं अयोध्या परफॉर्मेंस करने गई थी तो मेरी उनके परिवार से मुलाकात हुई थी.’
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 22:32 IST