भारतीय नोटों पर अब बदलने वाला है हस्ताक्षर, बीकानेर के इस IAS का होगा सिग्नेचर, जानें ऐसा क्यों ?
बीकानेर:- अब हमारे देश के नोट पर बीकानेर के बेटे का हस्ताक्षर होगा. बीकानेर मूल के बेटे आईएएस संजय मल्होत्रा को सरकार ने आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है. कंप्यूटर साइंस में बीटेक मल्होत्रा ने यूएसए से पब्लिक पॉलिसी प्रोग्राम में मास्टर्स किया है. वे चित्तौड़गढ़ कलेक्टर, अजमेर में एसडीओ और अलवर में यूआईटी सेक्रेटरी भी रहे हैं.
वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर बनाए गए हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मल्होत्रा को अगले तीन वर्षों के लिए आरबीआई के गवर्नर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने 11 दिसंबर 2024 को अपना कार्यभार संभाल लिया है.
गर्वनर डॉ. शक्तिकांत दास का कार्यकाल समाप्तसंजय मल्होत्रा आरबीआई गवर्नर की दौड़ में डार्क हॉर्स साबित हुए हैं. मौजूदा गर्वनर डॉ. शक्तिकांत दास के छह वर्षों का कार्यकाल 10 दिसंबर, 2024 को समाप्त हो गया. डॉ. दास आरबीआई के इतिहास में सबसे लंबे समय तक गवर्नर के पद पर आसीन रहने वाले दूसरे स्थान पर रहेंगे.
राजस्व सचिव मल्होत्रा वर्ष 1990 के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. अपने करियर में उन्होंने बिजली, सूचना प्रौद्योगिकी व वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में सेवाएं दी हैं. राजस्व सचिव बनने से पहले वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में भी वह काम कर चुके हैं. केंद्र व राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में काम करने का उनके पास काफी पुराना अनुभव है.
वित्त सचिव के रूप में दे चुके हैं सेवायूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण होने से पहले वह आईआईटी (कानपुर) से कंप्यूटर साइंस में स्नातक रह चुके हैं. वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारी को आरबीआई के गवर्नर के पद पर नियुक्त करने की परंपरा काफी पुरानी है. मौजूदा गवर्नर डॉ. दास भी वित्त सचिव के तौर पर अपनी सेवा दे चुके थे. संजय मल्होत्रा उस समय भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
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ले सकते हैं कई अहम फैसलेबतौर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के कार्यकाल में कई अहम फैसले होने की संभावना है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैंकिंग सेक्टर में ऑर्टफिशिएल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, डिजिटल करेंसी का विस्तार जैसे मुद्दे हैं. आरबीआई ने इन मुद्दों पर आतंरिक विमर्श शुरू किया है. इसके बावजूद महंगाई पर काबू पाना आरबीआई का अहम मकसद रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 14:00 IST