‘नेहरू से जुड़े कागजातों के 51 ‘गायब’ डिब्बे सोनिया गांधी के पास, राहुल लौटाएं…’ क्या है पूरा मामला, जानें
नई दिल्ली: नेहरू मेमोरियल के सदस्य और जाने माने इतिहासकार रिजवान कादरी ने राहुल गांधी से नेहरू से जुड़े दस्तावेजों के ’51 डिब्बे’ लौटाने के लिए कहा है. नेहरू से जुड़े कुछ जरूरी कागजात सोनिया गांधी के पास हैं जिन्हें उन्होंने 2008 में मंगवा लिया था. ये वे दस्तावेज हैं जो मेमोरियल को दान किए गए थे. इनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन जैसी हस्तियों के साथ हुए पत्राचार हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मेमोरियल के वर्तमान सदस्यों में से एक ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वापस देने में मदद मांगी है. कादरी ने लेटर लिखकर कहा है कि 2008 में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष ने ‘दान किए गए’ दस्तावेजों का कुछ हिस्सा वापस लेने के लिए अपना प्रतिनिधि भेजा था. एनएमएमएल सोसायटी (अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय, या पीएमएमएल) ने इस साल फरवरी में अपनी पिछली वार्षिक आम बैठक के दौरान इस पर चर्चा की थी. कादरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली पीएमएमएल सोसाइटी के 29 सदस्यों में से एक हैं.
तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्ष 2008 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी से जवाहरलाल नेहरू के ‘दान किए गए’ दस्तावेजों का एक बड़ा हिस्सा वापस लेने के लिए एक प्रतिनिधि को नियुक्त किया था. अहमदाबाद के इतिहासकार रिजवान कादरी ने गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा कि ये दस्तावेज नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण सहित अन्य लोगों के साथ किए गए पत्राचार से संबंधित हैं.
‘कागज लौटाएं या फिर डिजिटल कॉपी दें…’पीएमएमएल सोसाइटी ने फरवरी में कागजात पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया था कि इस पर कानूनी राय ली जाएगी. हालांकि सदस्यों ने पहले भी कई बार नेहरू के कागजात गायब होने का मुद्दा उठाया था, लेकिन सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि इस साल की एजीएम में पहली बार साफ कहा गया कि तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष ने दान किए गए कागजात से 51 डिब्बे ले लिए थे.
इससे पहले 9 सितंबर को सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कहा था कि यह जरूरी है कि हमारे देश के इतिहास की समझ सुनिश्चित करने के लिए ये रिकॉर्ड मौजूद रहें. उन्होंने सोनिया गांधी से अनुरोध किया था कि वे या तो कागजात वापस करें, प्रतियां प्रदान करें, या डिजिटल पहुंच प्रदान करें. राहुल गांधी से सहयोग की मांग करते हुए कादरी ने अपने पत्र में कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड’ ने 1971 में जवाहरलाल नेहरू के निजी कागजात पीएमएमएल को ट्रांसफर किए थे. ये दस्तावेज भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर की बेहद अमूल्य जानकारी देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 08:14 IST