Rajasthan Phone Tapping Case: कैसे बढ़ सकती हैं अशोक गहलोत की मुश्किलें? पूर्व OSD लोकेश शर्मा बने सरकारी गवाह

जयपुर. राजस्थान के बहुचर्चित फोन टेपिंग केस में अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के सरकारी गवाह बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ सकती हैं. इसका इशारा सरकारी गवाह बनने की अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट के मंजूर करने के बाद लोकेश शर्मा ने एक ट्वीट कर किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में लोकेश शर्मा ने लिखा कि ‘जब लड़ाई है सच्चाई की तो सत्य तथ्य और हकीकत को सामने लाया जाए. किसी और के किए का दोष क्यों ढोया जाए. अब असल किरदारों से नकाब उतारा जाए.’ शर्मा ने ट्वीट के जरिए अपने इरादे जाहिर कर कर दिए.
कैसे बढ़ सकती हैं गहलोत की मुश्किल लोकेश शर्मा पहले ही दिल्ली क्राईम ब्रांच की पूछताछ में कह चुके हैं कि 2020 में फोन टेपिंग का टेप तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही एक पेन ड्राइव में उन्हें दिया था. इसे न्यूज चैनलों पर चलवाने का कहा था. गहलोत के कहे अनुसार ही टेप उन्होंने मीडिया को दिया था. इसी टेप के ऑडियो के आधार पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप जड़ा था. लोकेश शर्मा कह चुके हैं कि मीडिया को टेप देने के बाद गहलोत ने उस पेन ड्राइव और जिस लैपटॉप के जरिये फोन में भेजा, उसे नष्ट करने के लिए कहा था.
लोकेश शर्मा यदि यह ही बयान बतौर सरकारी गवाह क्राईम ब्रांच को देंगे तो गहलोत की मुश्किल बढ़नी तय हैं. ऐसे में लोकेश शर्मा के बयान के आधार पर क्राइम ब्रांच गहलोत को पूछताछ के लिए बुला सकती है. गहलोत के खिलाफ विधायकों के फोन टेप करने का केस दर्ज कर सकती है. फोन टेपिंग अपराध है. अगर ये साबित होता है कि गहलोत ने विधायकों और केंद्रीय मंत्री के फोन टेप करवाए तो उनकी मुश्किल बढ़ना तय है.
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लोकेश शर्मा टेपिंग में गहलोत के अलावा कुछ अधिकारियों के भी नाम ले सकते हैं, ऐसे में तब गहलोत के करीबी रहे कई अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच में लोकेश शर्मा के खिलाफ यह कहते हुए केस दायर किया था कि शर्मा ने सोशल मीडिया पर 2020 में एक ऑडियो जारी किया. लोकेश शर्मा ने दावा किया कि इस टेप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कांग्रे स के विधायकों से बात कर रहे हैं और खरीद फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं.
शेखावत ने इसी टेप के दावे के आधार पर लोकेश शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच में केस दर्ज कराया था. राजस्थान विधासनभा में बहस के दौरान तत्कालीन मंत्री शांति धारीवाल ने भी कहा था कि शेखावत का खरीद-फरोख्त का ऑडियो टेप वायरल था.
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क्यों मुश्किल में गहलोत नियमानुसार किसी भी विधायक या मंत्री का फोन टेप नहीं किया जा सकता है. अगर टेप करना है तो उसकी एक विधिवत प्रकिया अपनाई जाती है जिसमें टेप करने की वजह भी होनी चाहिए.
कब का विवाद-सितंबर 2020 में सचिन पायलट कांग्रेस के 19 विधायकों के साथ मानसेर चले गए थे. गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई थी. तब आरोप है कि विधायकों और बीजेपी नेताओं पर सर्विलेंस के लिए गहलोत सरकार ने फोन टेप करवाए. हालांकि गहलोत लगातार इंकार करते रहे कि उनकी सरकार ने किसी का फोन टेप नहीं करवाया. उस समय लोकेश शर्मा गहलोत के ओएसडी थे और मुख्यमंत्री का मीडिया का कामकाज देख रहे थे.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 23:04 IST