Mount Abu Government Museum is very special 412 ancient statues preserved direct connection with Parmar rulers

सिरोही. राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू में वैसे तो कई पर्यटक स्थल है, लेकिन माउंट आबू का सरकारी म्यूजियम पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र है. यहां राजस्थान के सभी संग्रहालय में से सबसे ज्यादा संख्या में प्राचीन मूर्तियां देखने को मिलती है. ऐसे में अगर आप भी प्राचीन मूर्तियों और कला को देखने का शौक रखते हैं, तो एक बार इस म्यूजियम में जरूर आना चाहिए.
इस म्यूजियम में सबसे अनोखी ब्रह्माजी और सावित्री की आलिंगन अवस्था मे 1000 साल पुरानी 11वीं-12वीं शताब्दी की मूर्ति सुरक्षित है. चन्द्रावती नगरी से मिली भगवान शिव की एक प्राचीन अनोखी मूर्ति भी है, जो आगे और पीछे से बिल्कुल एक जैसी नजर आती है.
संग्रहालय में 412 मूर्तियां है संरक्षित
दो भागों में बने इस संग्रहालय के एक हिस्से में क्षेत्र के आदिवासी जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां, पुतलों के जरिये दिखाई गई वेशभूषा और रहन सहन को दर्शाया गया है. यहां पीतल की कलाकृतियां और जन कांस्य नक्काशी भी लोगों को के लिए प्रदर्शित की गई है. संग्रहालय का मुख्य आकर्षण देवदासी या नर्तकी (6वीं से 12वीं शताब्दी ईस्वी तक) की नक्काशीदार मूर्तियां है. ये सभी मूर्तियां सिरोही राज्य में परमार शासकों राजधानी रही चन्द्रावती नगरी के उत्खनन के समय निकली थी. म्यूजियम के दूसरे भाग में लघु चित्रों की एक श्रृंखला प्रदर्शित है. यहां भगवान शिव, विष कन्या, भगवान सूर्य, चंवर वाहिनी और लक्ष्मी, तथा चंद्रावती और चामुंडा की मूर्तियां भी है. इस संग्रहालय में कुल 412 मूर्तियां सुरक्षित रखी हुई है.
म्यूजियम का ये है आकर्षण का केन्द्र
संग्रहालय में आदिवासी जनजाति महिला को घट्टी पर अनाज पीसते दिखाया गया है. यहां पुरातनकालीन अस्त्र-शस्त्रों में धनुष, बाण, धारिया, बन्दूक, तलवार, कटार, वस्त्रों में घाघरा, ओरना, कुर्ती, आभूषणों में झाबिया वाली होरकी, झाबिया वाला बोरियां, बारली, हाथपॉन, दोमणी नग, दोमा वीटी, मोरिया, कांगसी, गूगरी वाली झूमकी, कोनी कोइयो, झेला, गूथमा तोडी, कड़ा, धार्मिक आस्था के प्रतीक मामाजी के घोड़ों का प्रदर्शन आदि प्रदर्शन के लिए रखे हुए हैं. वहीं इसी तरह राजस्थान के विभिन्न राज्यों की चित्रकला शैली, विलुप्तप्राय परमार वंश राज्य की राजधानी चन्द्रावती, वरमाण, देवांगन, देलवाडा से मिली प्राचीन 200 से अधिक प्रतिमाएं, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, राम-लक्ष्मण, विश्वामित्र, होली का दृश्य, कृष्ण लीला, रागनी आसावरी आदि सुरक्षित रखे हुए हैं. जिसे देखकर यहां आने वाले पर्यटक यहां के इतिहास से रूबरू होते हैं.
62 साल पुराना है यह म्यूजियम
इस म्यूजियम का शिलान्यास 18 अक्टूबर 1962 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ. संपूर्णानंद ने किया था. जिसे आमजन के लिए 1965 में शुरू किया गया. संग्रहालय घूमने आए सिरोही निवासी पर्यटक संजय जानी ने बताया कि माउंट आबू और आबूरोड के चन्द्रावती संग्रहालय में रखी मूर्तियां प्राचीन चन्द्रावती नगरी के गौरवशाली इतिहास और सुंदर निर्माण शैली को दिखाते हैं. क्षेत्र में प्राचीन काल में 999 झालर एक साथ बजती थी. माउंट आबू आने वाले पर्यटकों को इस म्यूजियम को देखने जरूर आना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 15:24 IST