अपनों से ही घिर रही भजनलाल सरकार, BJP विधायक कालीचरण सराफ ने उठाया ‘भ्रष्टाचारियों’ का सवाल

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 09:29 IST
Bhajanlal Sarkar News: राजस्थान की भजनलाल सरकार को सदन में गुरुवार को बीजेपी के ही विधायक कालीचरण सराफ ने घेर लिया. उन्होंने भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति का सवाल उठाया. हालांकि बाद में उन्हों…और पढ़ें
विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि पिछले सरकार के पांच साल के भ्रष्टाचार की समीक्षा होनी चाहिए.
(Photo credit: facebook.com/KalicharanSarafOfficial/photos)
हाइलाइट्स
बीजेपी विधायक ने भ्रष्टाचार पर भजनलाल सरकार को घेरा।कालीचरण सराफ ने अभियोजन स्वीकृति में देरी पर सवाल उठाया।स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जयपुर. राजस्थान की भजनलाल सरकार को अब उसके अपने ही घेरने लग गए हैं. इसका नजारा गुरुवार को विधानसभा सदन में देखने को मिला है. सदन में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ ने भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन स्वीकृति को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है. सरकार की कमी नहीं है. अधिकारी ही आपस में मिले हुए हैं. बीजेपी विधायक के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने जवाब देकर उनको संतुष्ट करने का प्रयास किया.
बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने गुरुवार को सदन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति पर सवाल उठाया था. उन्होंने पूछा कि तीन महीने में अभियोजन स्वीकृति क्यों नहीं दी गई? सराफ ने बाद में इसके लिए अप्रत्यक्ष रूप से ब्यूरोक्रेसी को ही दोषी ठहराते हुए कहा कि अधिकारी मिले हुए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार तो “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” की तर्ज पर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है. सराफ ने सुझाव दिया कि इसके लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाई जाए और पिछले सरकार के पांच साल के भ्रष्टाचार की समीक्षा होनी चाहिए.
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मंत्री बोले जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगाइस पर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी और जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में समय लगता है. कोर्ट के भी कई आदेश आ जाते हैं. कई कर्मचारी संविदा पर हैं. लेकिन मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा करते रहते हैं. ACB की किसी प्रकार की कमजोरी नहीं रही है और अगर कोई रिकवरी होगी तो उसकी जांच की जाएगी.
यह मामला पहले भी कई बार उठ चुका हैउल्लेखनीय है कि एसीबी ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते समय में कई छोटी और बड़ी कार्रवाइयां की हैं. इनमें कई आलाधिकारी भी ट्रैप हुए हैं. एसीबी ट्रैप करने के बाद जांच भी पूरी कर लेती है लेकिन अधिकारियों के खिलाफ सरकार के स्तर पर अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिल पाती है. इसके चलते भ्रष्ट कर्मचारियों को को सजा नहीं मिल पाती है. यह मामला पहले भी कई बार उठ चुका है. गहलोत राज में बीजेपी ने भी इसको लेकर सवाल खड़े किए थे.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 09:29 IST
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अपनों से ही घिर रही भजनलाल सरकार, BJP MLA कालीचरण सराफ ने उठाया बड़ा सवाल