बीएपीएस जोहान्सबर्ग मंदिर का उद्घाटन, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न

Last Updated:February 05, 2025, 15:48 IST
बीएपीएस ने श्री स्वामीनारायण मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का निर्माण जोहान्सबर्ग दक्षिण अफ्रीका में कराया, जिसका दो दिवसीय भव्य समारोह उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ. दक्षिण अफ्रीका में हिंदू समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक…और पढ़ें
बीएपीएस जोहान्सबर्ग मंदिर का उद्घाटन और मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर परम पूज्य महंतस्वामी महाराज व बीएपीएस के अन्य वरिष्ठ संत.
नई दिल्ली. बीएपीएस ने श्री स्वामीनारायण मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का निर्माण जोहान्सबर्ग दक्षिण अफ्रीका में कराया, जिसका दो दिवसीय भव्य समारोह उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ. दक्षिण अफ्रीका में हिंदू समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. पवित्र मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हई, जिससे यह मंदिर आध्यात्मिकता और दिव्यता का केंद्र बन गया.
समारोह की शुरुआत नगर यात्रा (शोभायात्रा) के साथ हुई, जिसमें संडटन की सड़कों पर भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ पवित्र मूर्तियों की झांकी निकाली. इस भव्य यात्रा में भक्तों ने भजन-कीर्तन, नृत्य और वैदिक मंत्रोच्चारण के माध्यम से उत्सव मनाया.
यह अफ्रीका में स्थित बीएपीएस के 35 मंदिरों में से एक
यह नया मंदिर अफ्रीका में स्थित बीएपीएस के 35 मंदिरों में से एक है, जिनमें से 7 मंदिर दक्षिण अफ्रीका में स्थित हैं. बीएपीएस ने विश्वभर में 1,300 से अधिक मंदिरों की स्थापना की है, जो आध्यात्मिकता, संस्कृति और सेवा के प्रमुख केंद्र हैं. यह मंदिर केवल पत्थरों और सुंदर नक्काशी का ढांचा नहीं, बल्कि भक्ति, त्याग और एकता का प्रतीक है. सैंकड़ों स्वयंसेवकों ने अपना समय, श्रम और संसाधन अर्पित कर इस दिव्य संकल्प को साकार किया.
बीएपीएस जोहान्सबर्ग मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व पूजा अर्चना की गयी.
लिंपोपो नदी के तट से प्रारंभ हुई एक दिव्य यात्रा
बीएपीएस की दक्षिण अफ्रीका में आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत 20 मार्च 1960 को हुई, जब परम योगीजी महाराज, जो बीएपीएस परंपरा के चौथे गुरु थे, ने प्रमुखस्वामी महाराज और महंतस्वामी महाराज के साथ लिंपोपो नदी के तट पर खड़े होकर इस भूमि को आशीर्वाद दिया था. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सामाजिक समानता, आर्थिक स्थिरता और आध्यात्मिक उत्थान की भविष्यवाणी की थी और प्रार्थना की थी कि इस भूमि पर बीएपीएस के सत्संग केंद्रों का विस्तार हो.
महंतस्वामी महाराज के नेतृत्व में दिव्य संकल्प पूर्ण
इसके बाद, प्रमुख स्वामी महाराज ने 1974 से 2004 के बीच सात बार दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की और वहां के भक्तों को प्रेरित किया, मंदिरों की स्थापना की और आध्यात्मिक आधार को मजबूत किया. उत्तराधिकारी महंतस्वामी महाराज के नेतृत्व में यह दिव्य संकल्प पूर्ण हुआ है, जिसका साकार रूप बीएपीएस हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर, जोहान्सबर्ग है.
समारोह की शुरुआत नगर यात्रा (शोभायात्रा) के साथ हुई, जिसमें संडटन की सड़कों पर भक्तों ने मूर्तियों की झांकी निकाली.
विश्वभर में प्रेरणा के केंद्र
बीएपीएस द्वारा निर्मित कई ऐतिहासिक हिंदू मंदिर आज विश्वभर में लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर, अबू धाबी का बीएपीएस हिंदू मंदिर, लंदन का बीएपीएस मंदिर और अमेरिका में न्यू जर्सी का अक्षरधाम मंदिर न केवल भव्य स्थापत्य के उदाहरण हैं, बल्कि मानव जीवन में शांति और आनंद स्थापित करने के माध्यम भी बन चुके हैं.
समारोह में एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई
इस महान धरोहर को सम्मानित करने के लिए, जोहान्सबर्ग मंदिर के उद्घाटन समारोह में एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें उनकी हस्तलिखित पांडुलिपियां, स्मारक प्रकाशन और डिजिटल संग्रह प्रदर्शित किए गए, ताकि उनकी दिव्य शिक्षा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहे. परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने समारोह में कहा कि “मैं महंतस्वामी महाराज, बीएपीएस समुदाय और उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस दिव्य संकल्प को पूर्ण करने के लिए अथक परिश्रम किया है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 15:48 IST
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बीएपीएस जोहान्सबर्ग मंदिर का उद्घाटन, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न