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राहुल गांधी की पश्चिम बंगाल पद यात्रा: कांग्रेस की नई रणनीति

Agency:Local18

Last Updated:February 13, 2025, 12:56 IST

दिल्ली विधान सभा में एक भी सीट न मिलने के बाद भी राहुल गांधी के तेवर नरम नहीं पड़े हैं. कभी इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे सहयोगी दल भी अब कांग्रेस को आंखे दिखा रहे हैं. फिर भी राहुल गांधी नरम नहीं पड़े. क्या हैं …और पढ़ेंप. बंगाल वाया दिल्ली ...जनता नहीं दे रही भाव, फिर भी क्यों राहुल दे रहे ताव

दिल्ली नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में पद यात्रा करेंगे राहुल गांधी.

हाइलाइट्स

इंडिया गठबंधन के सहयोगी दिल्ली के नतीजों पर कर रहे आलोचनाआप सरकार की सत्ता बेदखली के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बता रहेतो क्या बंगाल में बीजेपी के साथ ममता से भी भिड़ने की है योजना ?

दिल्ली में सिफर पर रहने के बाद भी राहुल गांधी अब पश्चिम बंगाल की पद यात्रा करने जा रहे हैं. दिल्ली नतीजों को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस की तीखी आलोचना कर ही चुकी है. एसपी ने ‘आप ‘ की दिल्ली में सत्ता से बेदखली के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. मतलब साफ है विपक्षी एकता के नाम पर एसपी कांग्रेस के साथ फिलहाल तो आने वाली नहीं है. हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को अलग-अलग ही लड़ना पड़ा था. जबकि उस समय इंडिया गठबंधन का ‘ढांचा’ खड़ा था. अब जबकि बहुत से क्षेत्रीय दल इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को नकार चुके हैं तो सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी इस तरह से एग्रेसिव अभियान क्यों चला रहे हैं. खासतौर से जब दिल्ली विधान सभा के हालिया चुनाव में उनकी पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी.

केजरीवाल नहीं हैं ममता, लंबे संघर्ष से लाल दुर्ग ढहायादिल्ली के योद्धा अभी ठीक से अपने खेमों में बैठे भी नहीं है. लेकिन राहुल गांधी ने बंगाल के अभियान की घोषणा कर दी. 1998 में कांग्रेस से अलग हो कर ममता बनर्जी ने 13 साल तक राज्य में संघर्ष किया. फिर 2011 में लाल दुर्ग को फतह कर लिया. राइटर्स बिल्डिंग पर लगातार 34 साल से लेफ्ट पार्टियों का कब्जा रहा. वाम मोर्चे के आखिरी मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य के बाद राज्य में वामपंथी ताकते कमजोर होती गईं लेकिन कांग्रेस के लिए खुद ममता बनर्जी ही बड़ी चुनौती बन गईं. इधर बीजेपी लगाकार पश्चिम बंगाल में भगवा लहराने की कोशिश में लगी हुई है. अगले साल पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव होने हैं.

बीजेपी पहले से झोंक चुकी है ताकतसाल 2021 के विधान सभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस और वामदलों को पीछे छोड़ दिया था. राज्य की 294 विधानसभा सीटों वाली विधान सभा में 215 सीटे जीत कर तृणमूल कांग्रेस ने वहां सरकार बनाई तो बीजेपी 77 सीटें जीतकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई. लोक सभा चुनाव में भी बीजेपी को नुकसान हुआ था. पार्टी को 2019 की तुलना में छः सीटों का नुकसान हुआ और वोटों की हिस्सेदारी भी तकरीबन 2 फीसदी गिरा था. जबकि इस लोकसभा चुनाव में ममता की पार्टी का वोट शेयर करीब 2 फीसद और 7 सीटें अधिक मिलीं. ये आंकड़े साफ दिखा रहे हैं कि राज्य में ममता बनर्जी की ताकत बढ़ी है.

“एकला चले हैं, बन जाएगा काफिला”बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी अपने तरीके से लगा हुआ है. इस तरह से कांग्रेस को वहां घुसने में बहुत अधिक ताकत लगानी होगी. जानकार राहुल गांधी की पद यात्रा को इसी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं. उनका मानना है कि पहले वे राज्य में कांग्रेस की ताकत दिखाएंगे, ममता उन्हें तभी अपने साथ लेंगी भी. पत्रकार और फिल्मकार अनिकेत चटोपाध्याय कहते हैं -“राहुल गांधी ये समझ गए हैं कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दल तभी सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे जब वो अपनी ताकत दिखाएगी” अनिकेत ये भी रेखांकित करते हैं कि राहुल पश्चिम बंगाल में पद यात्रा से ये संदेश भी दे रहे हैं कि वे लेफ्ट के भी साथ नहीं हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी की समझ में आ गया है कि कांग्रेस को बिहार के अलावा हर राज्य में अपनी ताकत बढ़ानी ही होगी. फिर जो पार्टियां बीजेपी को सांप्रदायिक ताकत के तौर पर देखती हैं वे उसके साथ आ सकेंगी.

“बड़प्पन क्यों नहीं दिखाते”हालांकि विश्लेषको का एक वर्ग राहुल गांधी के इस फैसले को उस मानसिकता का प्रतीक मानता है जिसके तहत कांग्रेस दूसरों को स्पेस नहीं देना चाहती. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेरम्ब चतुर्वेदी सवाल करते हैं -“आखिर ये क्षेत्रीय दल या कहा जाय ममता अलग ही क्यों हुईं?” वे जवाब भी देते हैं -“कांग्रेस ने उन्हें वो स्पेस नहीं दिया जो वे चाहती थी.” प्रो. चतुर्वेदी कहते हैं -“राहुल गांधी नफरत के दौर में मोहब्बत की दुकान चलाने का दावा करते हैं तो वे सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए थोड़ा बडप्पन क्यों नहीं दिखाते. दूसरे दलों को भी बराबरी में रख कर ही वे बीजेपी को चुनौती देने वाला कोई बड़ा गठजोड़ खड़ा कर सकते हैं.”


Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

February 13, 2025, 12:56 IST

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प. बंगाल वाया दिल्ली …जनता नहीं दे रही भाव, फिर भी क्यों राहुल दे रहे ताव

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