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हाथों में हथकड़ी, पैरों में जंजीर, सिखों के पगड़ी तक उतारे… अमेरिका नहीं सुधरा, भारतीयों ने सुनाई आपबीती

Last Updated:February 17, 2025, 01:57 IST

Indian Immigrants News: अमेरिका से जब अवैध भारतीय प्रवासियों का पहला जत्था पहुंचा था, तो सभी को हथखड़ी पहनाई गई थी. घटना के सामने आने के बाद इस मुद्दे को अमेरिका के सामने केंद्र सरकार ने जोरशोर से उठाया था. वही…और पढ़ेंहाथों में हथकड़ी, पैरों में जंजीर... US नहीं सुधरा, भारतीयों ने सुनाई आपबीती

अमेरिका से लौटे अवैध प्रवासी भारतीयों में हरप्रीत सिंह भी शामिल था. (पीटीआई)

हाइलाइट्स

अमेरिका से 116 निर्वासित भारतीय अमृतसर पहुंचे.यात्रा के दौरान निर्वासितों को हथकड़ी और जंजीरें लगाई गईं.सिख निर्वासितों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई.

चंडीगढ़. अमेरिका अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अमेरिका से 116 निर्वासितों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान जब शनिवार देर रात अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा, तो उनमें शामिल पुरुषों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें बेड़ियां लगाई गई थीं और सिख युवकों के सिर पर कथित तौर पर पगड़ी नहीं थी. ये बात इसलिए हैरान करने वाली है क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के सामने यह मुद्दा उठाया था और उम्मीद की जा रही थी कि अब वह इसमें सुधार करेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

शनिवार रात लगभग 11:35 बजे हवाई अड्डे पर उतरे सी-17 विमान के जरिए निर्वासित भारतीयों के दूसरे समूह को भारत लाया गया. इन 115 निर्वासितों में से 65 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, दो-दो उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं. अमृतसर पहुंचने पर उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया, जिससे थकाऊ यात्रा के बाद उन्हें काफी राहत मिली. सूत्रों के अनुसार, दूसरे समूह के अधिकांश निर्वासितों की आयु 18 से 30 वर्ष के बीच है.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने रविवार को अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी निंदा और दावा किया कि उन्होंने निर्वासितों के दूसरे समूह में शामिल सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी. एसजीपीसी ने ये बयान सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद दिया है, जिसमें अमृतसर हवाई अड्डे पर बिना पगड़ी के सिख निर्वासितों को अपने इमीग्रेशन फॉर्मेलिटी पूरी करते हुए देखा गया है. अमृतसर हवाई अड्डे पर निर्वासितों के लिए ‘लंगर’ और बस सेवा प्रदान करने के लिए तैनात किए गए एसजीपीसी अधिकारियों ने सिख निर्वासितों को ‘दस्तार’ (पगड़ी) दी.

निर्वासितों ने अमेरिका तक की अपनी यात्रा के दौरान हुईं परेशानियों के बारे में बताया. रविवार को पंजाब के फिरोजपुर जिले में अपने गांव चांदीवाला पहुंचे सौरव (20) ने बताया कि 27 जनवरी को जब वह सीमा पार कर देश (अमेरिका) में घुसने की कोशिश कर रहा था तो उसे अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया था. वह पिछले साल 17 दिसंबर को घर से अमेरिका के लिए निकला था.

सौरव ने बताया कि उनके परिवार ने उन्हें विदेश भेजने के लिए 45-46 लाख रुपये खर्च किए. उन्होंने कहा, ‘दो एकड़ कृषि भूमि बेची गई और कमीशन एजेंट से पैसे उधार लिए गए.’ अपनी यात्रा के बारे में सौरव ने कहा कि उन्हें एम्स्टर्डम, पनामा और मैक्सिको होते हुए अमेरिकी सीमा तक ले जाया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या अमृतसर जाते समय उन्हें बेड़ियां लगाई गई थीं, सौरव ने कहा, ‘हमें हथकड़ी लगाई गई थी और हमारे पैरों में जंजीरें बांधी गई थीं.’

निर्वासितों में शामिल दलजीत सिंह ने रविवार को दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ियां पहनाई गई थीं और उनके पैरों में जंजीरें डाली गई थीं. दलजीत सिंह अपने परिवार के बेहतर भविष्य की चाहत में पिछले वर्ष पंजाब के अपने पैतृक गांव को छोड़कर अमेरिका गए थे. पंजाब के होशियारपुर जिले के कुराला कलां गांव के मूल निवासी सिंह ने पीटीआई से कहा, “पूरी यात्रा के दौरान हमारे पैरों में जंजीरें और हाथों में हथकड़ियां पहनाई गई थीं. विमान में तीन महिलाएं और तीन बच्चे थे और उन्हें हथकड़ियां नहीं पहनाई गईं थीं.” उन्होंने कहा कि विमान के अमृतसर में उतरने से पहले उनके हाथों से हथकड़ियां हटा दी गई थीं.

गुरदासपुर जिले के खानोवाल घुमन गांव के निवासी हरजीत सिंह को उनके चचेरे भाई के साथ अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘हम आज सुबह करीब छह बजे घर पहुंचे.’ उन्होंने कहा, ‘हमें 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करते समय पकड़ा गया और 18 दिनों तक हिरासत केंद्र में रखा गया. हमें 13 फरवरी को निर्वासित कर दिया गया और हमारे हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें डाल दी गईं.’

इससे पहले, पांच फरवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था. इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे, जबकि 30 पंजाब से थे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अमृतसर एयरपोर्ट पर निर्वासित लोगों को लाने वाले अमेरिकी विमानों के उतरने को लेकर केंद्र पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘हमारे पवित्र शहर को निर्वासन केंद्र मत बनाइए.’


Location :

Amritsar,Punjab

First Published :

February 17, 2025, 01:57 IST

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