DU से कॉमर्स करने वालों के लिए जरूरी खबर, आपके पास होंगे ये विषय तभी मिलेगा B.Com (H)! प्रपोजल तैयार

Last Updated:March 06, 2025, 10:41 IST
DU ने बीकॉम (ऑनर्स) में एडमिशन के लिए इस विषय को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे छात्रों में चिंता बढ़ गई है. इसको लेकर छात्रों ने इस फैसले का विरोध किया है.
DU Admission 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स करने के लिए होनी चाहिए ये सबजेक्ट!
हाइलाइट्स
DU ने B.Com (H) में एडमिशन के लिए मैथ्स अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा.छात्रों ने इस फैसले का विरोध किया.छात्रों ने सोशल मीडिया पर इस निर्णय को अनुचित बताया.
DU Admission 2025: अगर आप दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स की पढ़ाई करने का मन बना रहे हैं, तो यह खबर आपके काम की है. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) 2025 से कुछ महीने पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक हालिया प्रस्ताव ने छात्रों के बीच चिंता बढ़ा दी है. इस प्रस्ताव के तहत बीकॉम (ऑनर्स) प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए मैथ्स को अनिवार्य विषय बनाया जाएगा. कई छात्रों ने इस निर्णय को “अनुचित” और “अन्यायपूर्ण” बताया है.
सीयूईटी पंजीकरण शुरू होते ही छात्रों ने इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है. एक छात्र ने कहा है कि बीकॉम (H) के लिए मैथ्स को अनिवार्य बनाना अनुचित है, खासकर जब यह निर्णय परीक्षा से केवल दो महीने पहले लिया गया है. हम अधिकारियों से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं. एक अन्य छात्र ने लिखा है कि मैंने डीयू में बीकॉम (H) के लिए तैयारी करने के लिए एक साल का गैप लिया था, लेकिन अब अचानक मैथ्स अनिवार्य कर दिया गया है. यह बेहद अन्यायपूर्ण है.
छात्रों को मजबूत मैथ्स आधार की जरूरतडीयू के कॉमर्स विभाग के प्रमुख और डीन अजय कुमार सिंह ने कहा कि पहले बीकॉम (H) में मैथ्स अनिवार्य था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में इसे वैकल्पिक कर दिया गया था ताकि विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्रों को अवसर मिल सके. हालांकि, उन्होंने बताया कि जिन छात्रों ने मैथ्स नहीं पढ़ा था, उनकी असफलता दर अधिक रही है. प्रोफेसरों ने भी चिंता जताई कि मैथ्स में मजबूत आधार की कमी के कारण कई छात्र कोर्स में संघर्ष कर रहे हैं. इसी कारण विश्वविद्यालय फिर से मैथ्स को अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है.
छात्रों के लिए वैकल्पिक विकल्पसिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि जो छात्र केवल कॉमर्स पढ़ना चाहते हैं, वे बीकॉम (सामान्य) कार्यक्रम का विकल्प चुन सकते हैं, जो डीयू में उपलब्ध है. नीति में बदलाव को लेकर विरोध जारीडीयू छात्र संघ (DUSU) अध्यक्ष रौनक खत्री ने इस बदलाव का विरोध किया है और डीयू प्रशासन से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि बीकॉम (H) के लिए गणित को अनिवार्य बनाने का निर्णय उन छात्रों के लिए अन्यायपूर्ण है, जिन्होंने पिछली नीति के आधार पर 12वीं में गणित नहीं चुना था.
एनटीए से पुनर्विचार की मांगखत्री ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से भी सीयूईटी यूजी 2025 की योग्यता शर्तों पर पुनर्विचार करने की अपील की. उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) को इसकी लचीली शिक्षा प्रणाली के लिए सराहा गया था, जिससे छात्रों को अपनी पसंद के विषय चुनने की स्वतंत्रता मिली थी. हालांकि, CUET 2025 में बीकॉम (H) के लिए मैथ्स को अनिवार्य बनाने का निर्णय छात्रों के हितों के विपरीत है. डीयू प्रशासन इस प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है और जल्द ही इस बारे में एक आधिकारिक बुलेटिन जारी किया जाएगा.
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First Published :
March 06, 2025, 10:41 IST
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