तो सर्जरी के दौरान भजन सुनने से कम होता है तनाव, जल्द होती है रिकवरी, शोध में हुआ बड़ा खुलासा

Last Updated:March 07, 2025, 06:26 IST
Jhansi News: झांसी के पैरामेडिकल कॉलेज की रिसर्च में पाया गया कि सर्जरी के दौरान भजन सुनने से मरीजों का तनाव कम होता है और वे जल्दी रिकवर होते हैं. 150 मरीजों पर शोध हुआ. संगीत को विशेष प्रकार के नॉइज कैंसिलेशन…और पढ़ें
फाइल फोटो
हाइलाइट्स
सर्जरी के दौरान भजन सुनने से तनाव कम होता है.धार्मिक संगीत से मरीजों की रिकवरी तेजी से होती है.150 मरीजों पर हुए शोध में सकारात्मक परिणाम मिले.
झांसी: झांसी में हुई एक रिसर्च ने यह बात साबित कर दी है कि सर्जरी के दौरान अगर मरीजों को धार्मिक भजन सुनाया जाए, तो वह जल्दी रिकवर होते हैं. पैरामेडिकल कॉलेज में हुई एक रिसर्च में यह बात साबित हुई है. रिसर्च के परिणामों में पाया गया कि धार्मिक संगीत सुनने वाले मरीजों में चिन्ता और तनाव की प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण कमी देखी गई, जबकि इंस्ट्रूमेण्टल संगीत समूह में अपेक्षाकृत उच्च स्तर के तनाव दर्ज किए गए.
भजन से हुए स्वस्थदरअसल, स्पाइनल एनेस्थीसिया के तहत की जाने वाली निचले अंगो की सर्जरी, मुख्यतः पैरो की सर्जरी के दौरान मरीजों को अक्सर जगाए रखा जाता है. इस प्रक्रिया में शरीर के निचले हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है, लेकिन मरीज होश में रहता है. ऐसे में तनाव और चिन्ता को कंट्रोल करने के लिए अक्सर दवाएं दी जाती हैं. हालाँकि पहले किये गए कुछ शोध में सर्जरी के दौरान संगीत का उपयोग किया गया था, लेकिन संगीत प्रकारी की तुलना करने वाला यह पहला शोध है. इसमें सर्जरी के दौरान मरीज को धार्मिक संगीत सुनाए जाने से उसका तनाव कम हुआ. इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है.
150 मरीजों पर शोधपैरा मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अंशुल जैन के अलावा डॉ. चारु पंकज सोनकिया, डॉ. पुष्पेन्द्र अग्रवाल, डॉ. सौरभ अग्रवाल, डॉ. पारस गुप्ता, डॉ. बृजेन्द्र, और डॉ. महेश की टीम ने यह रिसर्च किया. इस रिसर्च में 150 मरीजों पर शोध किया गया. इन मरीजो में अधिकांश फ्रैक्चर सर्जरी के मरीज थे. कुछ अन्य पैरों की सर्जरी के भी मरीजों पर यह शोध किया गया. मरीजों को दो समूहों में कम्प्यूटर आधारित रैण्डमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से विभाजित किया गया. पहले समूह को सर्जरी के दौरान हिन्दू धार्मिक संगीत सुनाया गया, जबकि दूसरे समूह की मरीज द्वारा चुने गए फिल्मी गीतों के वाद्ययन्त्र (इंस्टूमेण्टल) संस्करण सुनाए गए. संगीत को विशेष प्रकार के नॉइज कैंसिलेशन हेडफोन के माध्यम से चलाया गया. मरीज में संगीत के प्रभाव को तनाव और तनाव प्रतिक्रिया (सीरम कोर्टिसोल) के मापदण्डों से आंका गया.
धार्मिक गीत से हुआ लाभनिदेशक अंशुल जैन ने कहा कि जब भी हम किसी समस्या में होते हैं, तो भगवान को याद करते हैं. इस शोध में इसी अवधारणा को जांचने का प्रयास किया गया कि सर्जरी के दौरान धार्मिक संगीत के माध्यम से मरीज के तनाव और चिन्ता को कम किया जा सकत है. इससे न केवल दवाओं की जरूरत कम होती है, बल्कि उनके सम्भावित दुष्प्रभावों से भी बचाव होता है. यह शोध सर्जरी के दौरान गैर-औषधीय तरीकों से मरीजों की देखभाल में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
Location :
Jhansi,Jhansi,Uttar Pradesh
First Published :
March 07, 2025, 06:26 IST
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