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भारतीय नौसेना में शामिल होंगे INS निस्तर और INS निपुण: जानें खासियतें.

Last Updated:March 13, 2025, 10:06 IST

NAVY SUPPORT VESSEL:भारत में हर तरह के वॉरशिप तैयार किए जा रहे हैं. पहली बार देश में डाइविंग सपोर्ट वेसेल का निर्माण हुआ है. गहरे समुद्र में गोता लगा कर सबमरीन से रेस्क्यू ऑप्रेशन को अंजाम दिया दिया जा सकेगा. इ…और पढ़ेंसमंदर की गर्त से ढूंढ निकालेगा डूबी सबमरीन, रेस्क्यू के लिए है निस्तर-निपुण

अंडर वाटर रेस्क्यू ऑपरेशन मे होगी आसानी

हाइलाइट्स

भारत ने दो डाइविंग सपोर्ट वेसेल निस्तर और निपुण बनाए.ये वेसेल गहरे समुद्र में सबमरीन रेस्क्यू ऑपरेशन करेंगे.निस्तर और निपुण हेलिकॉप्टर ऑपरेशन में भी सक्षम हैं.

NAVY SUPPORT VESSEL: सबमरीन को साइलेंट किलर कहा जाता है. किसी भी दुश्मन के वॉरशिप को आसानी से निशाना बना सकता है. भारत के पड़ोंसी देश चीन नंबर के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. और ये बडी तेज़ी से इसका आकार और बढ़ा रहा है. साथ ही पाकिस्तान की नौसेना को भी आकार दे रहा है. इन दोनों देशों के लिए भारतीय नौसेना का सबमरीन प्लान तैयार हो चुका है. इस प्लान के तहत डायविंग सपोर्ट वेसेल एक अहम शिप है. इस वक्त भारतीय नौसेना के पास एक भी सपोर्ट शिप नहीं है. इसी साल दो बड़े डायविंग सपोर्ट वेसेल निस्तर और निपुण नौसेना में शामिल हो जाएगा. नौसेना में शामिल होने के बाद एक स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल को INS निपुण और दूसरा INS निस्तर के नाम से जाना जाएगा. INS निस्तर उस सबमरीन रेसक्यू वेसेल का नया अवतार है जिसने 1971 की जंग में विशाखापत्तनम नेवल बेस के पास डूबे पाकिस्तानी पंडुब्बी पीएनएस गाजी पर डाइविंग ऑप्रेशन को अंजाम दिया था.

क्या खूबी है निस्तर और निपुण की?22 सिंतबर 2022 को विशाखापत्तनम में दोनों शिप को लॉन्च किया था.इसकी खासियत की बात करे तो यह पूरी तरह से स्वदेशी शिप है. इस शिप को समुद्र के अंदर हुए किसी भी हादसे के वक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए किया जाएगा. डीप सी डाइविंग सपोर्स वेसेल पर DSRV डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल भी मौजूद होगा. DSV किसी भी सबमरीन रेस्क्यू ऑपरेशन में राहत बचाव के लिए डिजाइन किया गया है. यह शिप 120 मीटर लंबा है. कुल 200 से ज्यादा नौसेनिक इस पर रह सकते है, दो महीने तक लगातार यह समंदर में ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. इसका कुल वजन 9350 टन है. इस शिप से हेलिकॉप्टर ऑपरेशन को भी अंजाम दिया जा सकेगा. यह 18 नॉटिकल मील प्रतिघंटे की स्पीड से समंदर में मूव कर सकता है. खास बात है कि 80 फीसदी स्वदेशी कंटेंट से बना है.

कैसे करेगा यह वेसल काम?भारतीय नौसेना के सबमरीन ऑपरेशन लगातार जारी है. अगर सबमरीन से साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसे रेस्क्यू करने के लिए यह वेसेल लॉन्च किया जाएगा. भारतीय नौसेना ने दो डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) की खरीद की थी. इन DSRV को इन सपोर्ट वेसेल कैरी करेगा और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए निकल जाएगा. निस्तर और निपुण को ईस्ट और वेस्ट कोस्ट पर तैनाती होगी. नेवी के पूर्व प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा का कहना है कि इन दोनों सपोर्ट वेसेल से किसी भी डीप सी रेस्क्यू मिशान को आसानी से अंजाम दिया जा सकेगा. अभी तक जरूरत पड़ने पर नौसेना ONGC और अन्य कंपनियों के बो़ट को हायर करती थी. इनके नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना की ताकत में तो इजाफा होगा. भारत इन दोनों के आने बाद हम दूसरे देशों की मदद कर सकते है.

भारतीय सबमरीन की बढ़ रही है क्षमतादुनिया में फिलहाल तीन तरह के सबमरीन है एक डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन, डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन AIP और न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन. फिलहाल भारत के पास 17 डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन और 2 बैलेस्टिक मिसाईल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है. भारतीय नौसेना को उनकी न्यूक्लियर पॉवर्ड अटैक सबमरीन (SSN)की मंजूरी भी मिल गई है. जब अंडर वॉटर ऑपरेशन बढ़ रहे हैं तो उनके सपोर्ट के लिए वेसेल की भी जरूरत थी.


First Published :

March 13, 2025, 10:06 IST

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समंदर की गर्त से ढूंढ निकालेगा डूबी सबमरीन, रेस्क्यू के लिए है निस्तर-निपुण

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