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Ramjan Special Worshiping Allah inside mosque during these days of Ramzan

Last Updated:March 19, 2025, 12:54 IST

मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए रमजान का तीसरा अशरा करने वाले को जहन्नुम की आग से मुक्ति मिलती है. तीनों अशरे निजात में अल्लाह की इबादत के समय कोई परेशानी नहीं आए. इसलिए मुस्लिम समाज के लोग घर से दूर होकर पूरे 10 …और पढ़ेंX
रमजान
रमजान का तीसरा अशरा 21 मार्च को शुरू होगा

हाइलाइट्स

रमजान का तीसरा अशरा जहन्नुम से मुक्ति दिलाता है.तीसरे अशरे में रोजेदार 10 दिन मस्जिद में रहते हैं.एतकाफ में गैर महरम की परछाई भी गुनाह मानी जाती है.

सीकर:- अभी मुस्लिम धर्म का सबसे पाक महीना रमजान चल रहा है. यह मुस्लिम लोगों के लिए बरकत वाला महीना होता है. इस महीने में मस्जिद के अंदर पांचों वक्त की नमाज पढ़ी जाती है. इसके साथ अल्लाह की इबादत के लिए रोजा भी रखा जाता है. मुस्लिम लोगों इस महीने को तीन अलग-अलग भागों में बांटकर अल्लाह की इबादत करते हैं, इसे अशरा कहा जाता है. तीनों में तीसरा अशरा सबसे अहम और कठिन होता है, जिसे निजात कहा जाता है. इस बार रमजान का तीसरा अशरा 21 मार्च को शुरू होगा और ईद का चांद देखने तक रहेगा.

जहन्नुम की आग से मुक्ति का अशरामुस्लिम धर्म के लोगों के लिए रमजान का तीसरा अशरा करने वाले को जहन्नुम की आग से मुक्ति मिलती है. तीनों अशरे निजात में अल्लाह की इबादत के समय कोई परेशानी नहीं आए. इसलिए मुस्लिम समाज के लोग घर से दूर होकर पूरे 10 दिन मस्जिद के अंदर ही रहते हैं और ईद का चांद देखकर रोजा पूरे होने पर ही घर जाते हैं.

गैर मेहरम की परछाई भी गुनाह तीसरे अशरे की इस इबादत को एतकाफ भी कहा जाता है. इसमें रोजेदार पूरे दिन मस्जिद में ही रहते हैं. वहीं पर नहाना, धोना, खाना सब वहीं पर ही इंतजाम कर लेते हैं. एतकाफ में इबादत करने वाला व्यक्ति मोह, माया और सांसारिक जीवन से ईद का चांद नजर आने तक दूरी बना लेता है. तीसरे अशरे के समय रोजेदार अपना मोबाइल व अन्य जरूरी सामान का त्याग करके ही मस्जिद में इबादत के लिए बैठता है.

एतकाफ में बैठने वाला व्यक्ति किसी महिला के साए से भी दूर रहता है. अगर एतकाफ में बैठे व्यक्ति को किसी भी कारणवश मस्जिद से कुछ समय के लिए बाहर निकालना पड़ता है, तो वह अपने शरीर को पूरी तरीके से ढककर बाहर निकलता है, ताकि किसी गैर मेहरम की परछाई भी उस पर ना पड़े.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

March 19, 2025, 12:54 IST

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तीसरे अशरे की ये इबादत जहन्नुम से दिलाती मुक्ति, गैर महरम की परछाई भी गुनाह!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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