बहुत रोचक है सीकर के गढ़ की कहानी, यहां भेड़ के साहस ने तय की महल की नींव, राजसी वैभव का अब है बंद खजाना

Last Updated:March 18, 2025, 15:12 IST
सीकर के पहले राजा राव दौलत सिंह ने 1744 में गढ़ की स्थापना की. राजा कल्याण सिंह ने 34 साल तक शासन किया. सीकर गढ़ वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है, पर अब बंद है.X
सीकर का गढ़
हाइलाइट्स
सीकर गढ़ की स्थापना 1744 में हुई थी.राजा दौलत सिंह ने गढ़ का निर्माण शुरू किया.सीकर गढ़ अब बंद है, पर वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है.
राहुल मनोहर/सीकर. राजस्थान के सीकर शहर पर 1954 तक 11 राजाओं ने शासन किया, जिनमें अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह थे, जिन्होंने 34 साल तक राज किया. सीकर के पहले राजा राव दौलत सिंह थे, जिन्होंने शहर की नींव रखी और महल (गढ़) के निर्माण की शुरुआत की. उनके बाद राव शिव सिंह ने शासन संभाला और उनके काल में गढ़ का निर्माण पूरा हुआ. साथ ही, हवेलियों और झरोखों का भी निर्माण हुआ. सीकर के पहले राजा और यहां के महल के निर्माण की कहानी बेहद रोचक है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं.
बच्चों को बचाने के लिए भेड़िए से भीड़ गई थी भेड़स्थानीय निवासी ईश्वर सिंह राठौड़ के अनुसार, सीकर के गढ़ की स्थापना 1744 में इसके पहले राजा, राव दौलत सिंह, ने की थी. उस समय, जहां आज गढ़ स्थित है, वहां घना जंगल हुआ करता था, और यह क्षेत्र की सबसे ऊंची जगह थी. गढ़ निर्माण से जुड़ी एक रोचक किंवदंती प्रचलित है—राजा दौलत सिंह जब इस स्थान पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक भेड़िया एक मेमने को पकड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भेड़ ने अदम्य साहस दिखाते हुए भेड़िए को खदेड़ दिया और अपने बच्चे की रक्षा की. इस दृश्य से प्रभावित होकर राजा ने इसे साहस और वीरता की भूमि मानते हुए यहीं पर सीकर के राज महल (गढ़) का निर्माण करवाया.
राजसी वैभव के प्रतीक है सीकर गढ़राव राजा दौलत सिंह की ओर से स्थापित और राव शिव सिंह के शासनकाल में निर्मित सीकर का महल वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है, यहां राजसी वैभव की भव्य झलक देखने को मिलती है. यह महल न केवल अपनी भव्यता में अनोखा है, बल्कि इसमें शेखावाटी संस्कृति की सुंदर छाप भी स्पष्ट रूप से झलकती है. महल के परिसर में सफेद संगमरमर से निर्मित मकराना महल इसकी भव्यता को और बढ़ाता है. हालांकि, राजसी वैभव का प्रतीक यह ऐतिहासिक सीकर गढ़ अब बंद पड़ा है.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
March 18, 2025, 15:12 IST
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यहां वीरता की प्रतीक भेड़ ने तय की महल की नींव, राजसी वैभव का अब है बंद खजाना