हाथी, घोड़े और ऊंटों के लवाजमे के साथ निकाली ‘पंच’ की अंतिम यात्रा, 3 राज्यों के लोग हुए शामिल, हैरान रह गए सब

Last Updated:March 20, 2025, 10:22 IST
Ajab Gajab News : अलवर शहर में एक बुजुर्ग की निकाली गई अंतिम यात्रा बेहद चर्चा में है. इस अंतिम यात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट भी शामिल हुए. अंतिम यात्रा में किन्नरों ने डांस किया. जमकर गुलाल उड़ाई गई. इस अंतिम …और पढ़ें
मृतक पंच के लिए चंवर और छतरी भी लाई गई.
हाइलाइट्स
अलवर में 90 वर्षीय बुजुर्ग की अनोखी अंतिम यात्रा निकाली गई.अंतिम यात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट शामिल हुए.तीन राज्यों के लोग इस अनोखी यात्रा में शामिल हुए.
नितिन शर्मा.
अलवर. अलवर शहर में एक दिन पहले बुधवर को निकाली गई 90 साल के बुजुर्ग की अंतिम यात्रा सोशल मीडिया में छाई हुई है. गाड़िया लोहारों के पंच की इस अंतिम यात्रा देखने के लिए शहर के लोग छतों पर उमड़ पड़े. इस यात्रा में 3 राज्यों के 4 जिलों से आए प्रबुद्धजन शामिल हुए. अंतिम यात्रा के लिए जयपुर से हाथी, घोड़े और ऊंट बुलाए गए थे. पंच के पार्थिव देह को अच्छे से सजाया गया. उन्हें अर्थी पर बैठाकर नया धोती-कुर्ता और चश्मा पहनाया गया. बाद में गाजे-बाजे के साथ बारात की तरह अंतिम यात्रा निकाली गई.
मृतक के बेटे रोहिताश ने बताया कि उनके पिताजी अलवरिया लुहार रिछपाल का 18 मार्च को निधन हो गया था. वे 90 साल के थे और गाड़िया लोहारों के पंच थे. उनका काम समाज के लिए जगह-जगह घूमना था. उनके निधन पर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के समाजजनों ने खास तरीके से उनकी यात्रा निकालने की ठानी थी. दिल्ली, गुरुग्राम, अलवर और जयपुर सहित कई जगहों से समाज के लोग शामिल हुए. सभी ने तय किया कि रिछपाल अलवरिया लोहार की अंतिम यात्रा खास तरीके से निकाली जाएगी.
जयपुर से हाथी, घोड़े व ऊंट मंगवाए गएसमाज के सभी लोगों ने पैसे एकत्रित किए और जयपुर से हाथी, घोड़े व ऊंट मंगवाए. अर्थी को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया गया. बेटे ने बताया कि पिताजी को नया धोती-कुर्ता और चश्मा पहनाकर अर्थी पर बिठाया गया. उसके बाद गाजे-बाजे के साथ बड़ी संख्या में समाजजन उनको अलवर शहर के अग्रसेन सर्किल, भगत सिंह सर्किल से स्वर्ग रोड होते हुए तीजकी श्मशान घाट लेकर गए.
अंतिम यात्रा में सबसे आगे किन्नर नाचते-गाते चल रहे थेशहर के बीच से जब यह यात्रा निकली तो लोग उसे देखने के लिए छतों पर उमड़ पड़ेण् पहले तो लोगों को समझ नहीं आया. लेकिन बाद में जब “राम नाम सत्य है” सुना तो उन्हें समझ आया कि यह अंतिम यात्रा है. यात्रा में सबसे आगे किन्नर नाचते-गाते चल रहे थे. इसके बाद रिछपाल की अर्थी लिए 4 लोग चल रहे थे. समुदाय के गाड़िया लोहार के बच्चे और बड़े गुलाल उड़ाते हुए बाराती की तरह नाचते-गाते चले. रिछपाल के 5 बेटे और 2 बेटियां हैं. सभी लोहे का काम करते हैं.
Location :
Alwar,Alwar,Rajasthan
First Published :
March 20, 2025, 10:21 IST
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हाथी, घोड़े और ऊंटों के लवाजमे के साथ निकाली ‘पंच’ की अंतिम यात्रा, जानें वजह