जावर माता का मंदिर है बेहद चमत्कारी! यहां गांव में चारों ओर चांदी का है भंडार, 1 किमी हो चुकी है खुदाई, फिर भी है सुरक्षित

Last Updated:April 01, 2025, 12:36 IST
Jawar Mata Mandir Udaipur Rajasthan: दक्षिणी राजस्थान के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक जावर माता मंदिर बेहद प्राचीन और चमत्कारी है. यह मंदिर चांदी के अकूत भंडार पर विराजित है. जावर गांव अपनी प्राकृतिक संपदा और धा…और पढ़ेंX
जावर माता
हाइलाइट्स
जावर माता मंदिर चांदी के भंडार पर स्थित हैमंदिर बनाने में 100 वर्ष लगे थेचैत्र नवरात्रि में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है
उदयपुर: दक्षिणी राजस्थान के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक जावर माता मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है, बल्कि इसके साथ एक ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषता भी जुड़ी हुई है. उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर जावर गांव में स्थित यह मंदिर चांदी के अकूत भंडार पर विराजित है. यही कारण है कि राजस्थान से लेकर गुजरात तक जावर माता की महिमा प्रसिद्ध है.
चांदी के भंडार पर विराजमान जावर माताजावर गांव अपनी प्राकृतिक संपदा और धातु खनन के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां करीब ढाई हजार साल से खनन किया जा रहा है और यह क्षेत्र चांदी व जस्ते की खदानों से समृद्ध है. चमत्कारिक रूप से, व जावर माता की कृपा से खनन कार्य के कारण भूमि एक किलोमीटर गहरी खुद चुकी है, लेकिन फिर भी गांव पूरी तरह सुरक्षित बना हुआ है. मंदिर की सबसे अनूठी विशेषता देवी की मूर्ति है. दरअसल जहां आमतौर पर महिषासुर मर्दिनी का स्वरूप उग्र अवस्था में दिखाया जाता है, वहीं जावर माता शांत स्वरूप में विराजित हैं. भक्तों को इस मंदिर में दर्शन करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है. कहा जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु जो भी प्रार्थना करते हैं, माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती है.
मंदिर बनाने में लगे 100 वर्षइतिहासकारों के अनुसार, जावर गांव में मिट्टी भी धातुओं से मिश्रित है, जिससे प्राचीन समय से यहां खनन के प्रमाण मिलते हैं. यह मंदिर उदयपुर शहर की स्थापना से भी पहले दसवीं शताब्दी में इडर रियासत के राजा द्वारा बनवाया गया था. मंदिर के अंदर मौजूद शिलालेख इस बात के प्रमाण हैं कि इसे बनाने में लगभग 100 वर्ष लगे. आपको बता दें, जब महाराणा उदय सिंह ने उदयपुर शहर बसाया, तब मेवाड़ के शासकों ने भी जावर माता की विशेष पूजा-अर्चना की और इस मंदिर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए.
चैत्र नवरात्रि में भक्तों की उमड़ती है भीड़विशेष रूप से चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु दूर-दूर से आकर माता के चरणों में शीश झुकाते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. चैत्र नवरात्र में मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है, विशेष पूजन और जागरण का आयोजन किया जाता है.
आस्था का अनूठा केंद्रजावर माता मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि इतिहास, संस्कृति और चमत्कार का संगम है. भक्तों की मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी झोली माता भर देती हैं. नवरात्रि के अवसर पर इस दिव्य स्थल पर आकर भक्त अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं और माता जावर वाली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 01, 2025, 12:36 IST
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जावर माता का मंदिर है बेहद चमत्कारी! यहां गांव में चारों ओर चांदी का है भंडार
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