प्राकृतिक खेती का हब बनेगा उदयपुर, एमपीयूएटी से तैयार होंगे मास्टर ट्रेनर्स, लाखों किसान को मिलेगा लाभ

Last Updated:April 16, 2025, 11:42 IST
National Mission on Natural Farming Scheme: एमपीयूएटी के अनुसंधान निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में विशेषज्ञों द्वारा मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो गांवों में जाकर किसानों को प…और पढ़ेंX
किसानों को होगा फ़ायदा
हाइलाइट्स
उदयपुर बनेगा प्राकृतिक खेती का हबएमपीयूएटी में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण मिलेगायोजना से 2.25 लाख किसानों को लाभ मिलेगा
उदयपुर. केंद्र सरकार की नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग योजना के तहत उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) को एक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है. विश्वविद्यालय अब प्राकृतिक खेती के लिए मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देगा, जो आगे चलकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के हजारों किसानों को जैविक व प्राकृतिक खेती की तकनीकें सिखाएंगे. इस योजना में देशभर से चुने गए 14 संस्थानों में एमपीयूएटी राजस्थान का एकमात्र प्रतिनिधि है.
योजना के तहत आने वाले दो वर्षों में प्रदेश में 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी और करीब 2.25 लाख किसानों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा.इसके लिए राज्य में 1800 क्लस्टर बनाए जाएंगे, जहां प्रत्येक क्लस्टर में 125 किसान और 50 हेक्टेयर भूमि शामिल होगी.
जैविक उत्पादों को दिया जाना है बढ़ावा
प्रोजेक्ट पर कुल 230.60 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, जिसमें से 138.36 करोड़ केंद्र सरकार और 92.24 करोड़ राज्य सरकार वहन करेगी. देशभर में इस योजना के माध्यम से 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने और करोड़ों किसानों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. एमपीयूएटी के अनुसंधान निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में विशेषज्ञों द्वारा मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो गांवों में जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती की बारीकियां समझाएंगे. इसका उद्देश्य रासायनिक खादों और बाहर से लाए गए बीजों पर निर्भरता कम करते हुए खेत पर ही बने जैविक उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना है.
जैविक उत्पादों की प्रमाणन प्रक्रिया होगी सरल
सरकार इस योजना के तहत आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि विश्वविद्यालयों की अनुसंधान व विस्तार क्षमताओं को भी सुदृढ़ करेगी. इसके साथ ही जैविक उत्पादों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और एकल राष्ट्रीय ब्रांड तैयार कर उसका व्यापक प्रचार किया जाएगा. यह पहल न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर कॉलेज से कई किसान जुड़े हुए हैं, जो ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
April 16, 2025, 11:41 IST
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एमपीयूएटी को मिली बड़ी जिम्मेदारी! राजस्थान और एमपी के किसानों को होगा फायदा