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This saint of Sikar not reach Delhi to receive Padma Shri award

Last Updated:April 30, 2025, 14:47 IST

भारत सरकार के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बैजनाथ महाराज को यह सम्मान उनके आश्रम में पहुंचकर दिया जाएगा. पीठाधीश्वर बैजनाथ महाराज को अध्यात्म व योग के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार ने इस साल का पद्मश्री अवार्ड देने …और पढ़ेंपद्मश्री अवार्ड लेने दिल्ली नहीं पहुंचे सीकर के यह संत, आखिर क्या है कारण?

पीठाधीश्वर संत बैजनाथ महाराज

हाइलाइट्स

बैजनाथ महाराज को पद्मश्री सम्मान मिला है.स्वास्थ्य कारणों से वे दिल्ली नहीं जा सके.सरकार का प्रतिनिधि मंडल आश्रम में सम्मानित करेगा.

सीकर:- भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री के लिए सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में स्थित श्रद्धानाथ आश्रम के पीठाधीश्वर बैजनाथ महाराज को भी चुना गया है. लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वह पद्मश्री अवार्ड लेने के लिए दिल्ली नहीं पहुंच पाए. ऐसे में भारत सरकार के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बैजनाथ महाराज को यह सम्मान उनके आश्रम में पहुंचकर दिया जाएगा. आपको बता दें कि पीठाधीश्वर बैजनाथ महाराज को अध्यात्म व योग के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार ने इस साल का पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की थी.

कौन है पीठाधीश्वर संत बैजनाथ महाराजलक्ष्मणगढ़ स्थित श्रद्धनाथजी आश्रम के पीठाधीश्वर संत बैजनाथ महाराज का जन्म 12 जून 1935 को गांव पनलावा में हुआ था. छह साल की उम्र में ही नाथ संप्रदाय के संत श्रद्धानाथ महाराज ने इन्हें अपना शिष्य बनाकर बैजनाथ नाम दिया. उन्होंने भारत भ्रमण के दौरान इन्हें विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण करवाया.

1960 से लेकर 1985 तक संत बैजनाथ महाराज ग्राम भारती विद्यापीठ कोठ्यारी में प्राचार्य के पद पर रहकर ग्रामीण अंचल में शिक्षा की अलख जगाई. 1985 में सेवानिवृत्त होने पर संत श्रद्धानाथ महाराज ने अधिकृत रूप से बैजनाथ महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.

श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना भी कीसंत बैजनाथ महाराज सनातन धर्म के साथ वैदिक शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं. श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ के जरिए हजारों बच्चों को योग वैदिक शिक्षा-दीक्षा देने की पहल लगातार जारी है. धर्म क्षेत्र में बैजनाथ जी महाराज ने कई कार्य किए. अनेक धार्मिक भवन, श्री गोरक्ष मंदिर, श्री श्रद्धा स्मृति मंदिर, श्री श्रद्धा समाधि मंदिर, साधना कक्ष, पुस्तकालय (प्रज्ञान मंदिर) आदि का निर्माण कराया है.

उन्होंने कई धार्मिक पुस्तकें भी लिखी हैं और श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना भी की गई, जिसमें ज्योतिष, वेद, पुराण, व्याकरण, नैतिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, संगीत आदि की समुचित शिक्षा के जरिए आदर्श सुन्दर समाज का निर्माण और उच्च चरित्रवान नागरिक तैयार करने का कार्य चल रहा है.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 30, 2025, 14:47 IST

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पद्मश्री अवार्ड लेने दिल्ली नहीं पहुंचे सीकर के यह संत, आखिर क्या है कारण?

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