रिटेल की महंगी सब्जियां बिगाड़ रही ग्रामीणों के रसोई का बजट, डबल भाव में बिक रहे नींबू और ग्वार फली

जयपुर. राजधानी जयपुर और इसके आस-पास कई जिलों में रिटेल मार्केट के अंदर सब्जियों की कीमतें थोक से दोगुनी से भी अधिक है. जयपुर की मुहाना मंडी में सब्जियों की आवक और थोक भाव स्थिर है, लेकिन कीमतें थोक से दोगुनी से भी अधिक है. नींबू की कीमतें तो आसमान छू रही है. इसके भाव बढ़ने का कारण आवक में कमी होना बताया जा रहा. अभी थोक मंडी में ग्वार फली के भाव 40-50 रुपए प्रति किलो है, लेकिन बाजार में यह 80-120 रुपए किलो बिक रही है.
ऐसे ही अदरक, टिंडा, भिंडी, कैरी, पालक सहित अन्य सब्जियों के हाल हैं. सभी सब्जियां मंडी के भाव से डबल या उससे भी अधिक भाव में ग्राहकों को खरीदनी पड़ रही है. इससे ग्रहणियों के रसाई का बजट पूरी तरीके से बिगड़ रहा है.
नींबू की कीमतें क्यों है सबसे ऊंची?
जयपुर फल-सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष योगेश तंवर ने बताया कि मुहाना मंडी में आमतौर पर नींबू की 14-15 गाड़ियां आती है, लेकिन हाल में यह संख्या घटकर 6-7 रह गई है. नींबू की आपूर्ति मुख्य रूप से महाराष्ट्र से हो रही है, क्योंकि मध्य प्रदेश और स्थानीय स्तर पर आवक बंद है. इस कमी ने थोक में नींबू के भाव 70-80 रुपए प्रति किलो तक पहुंचा दिए, जबकि रिटेल में यह 140 रूपए तक बिक रहा है. इसके अलावा 60-70 प्रतिशत सब्जियां जयपुर के 25-30 किलोमीटर के दायरे से आ रही है. बस्सी, चौमूं, चाकसू, लालसोट, रामगढ़ और मुहाना गांव जैसे क्षेत्रों से टिंडा, करेला, ककड़ी, मिर्च, कद्दू, लौकी, ग्वार और भिंडी की आपूर्ति हो रही है.
रिटेल में कीमतें क्यों हुई दोगुनी?
रिटेल मार्केट में मध्यस्थों की भूमिका, परिवहन लागत और दुकानदारों का मार्जिन कीमतों को बढ़ा रहा है. मुहाना मंडी में स्थानीय सब्जियों की भरपूर आवक के बावजूद रिटेल मार्केट में कीमतें उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही हैं. नींबू की कमी ने इसकी कीमतों को सबसे अधिक प्रभावित किया है. किसान छोटी पिकअप और चौपाया वाहनों से सब्जियां मंडी ला रहे हैं. मंडी के व्यापारियों के अनुसार, गर्मी के बावजूद फिलहाल सब्जियों के भाव बढ़ने की संभावना नहीं है. स्थानीय स्तर पर पर्याप्त आवक बनी हुई है, जो कीमतों को स्थिर रखेगी.