आंखों में आंसू ला रहा सीकर का मीठा प्याज, उत्पादन बंपर, फिर भी नहीं मिल रहे भाव, किसानों ने की ये मांग

Last Updated:May 19, 2025, 12:05 IST
Sikar Onion Farmers Trouble: राजस्थान का सीकर जिला प्याज की खेती के लिए जाना जाता हैं. यहां बड़े पैमाने पर किसान प्याज की खेती करते हैं. लेकिन इस बार बेमौसम बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. आलम यह ह…और पढ़ेंX
सीकर में बारिश से प्याज की फसल हुई खराब
हाइलाइट्स
सीकर में प्याज की कीमतें 3 से 6 रुपये प्रति किलो तक गिर गईं.किसानों ने प्राकृतिक आपदा राहत कोष से मुआवजा मांगा.प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग की गई.
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में उगने वाला मीठा प्याज किसानों की आंखों में आंसू ला रहा है. एक तरफ तो इसके गिरते भाव के कारण किसानों के इसका सही दाम नहीं मिल पा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मौसम की मार भी किसानों को झेलनी पड़ रही है. सीकर जिले में बैमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. मई माह की शुरूआत में बारिश और नमी के कारण प्याज की गुणवत्ता गिर गई और किसानों को उनकी मेहनत का मोल नहीं मिल रहा है.
बारिश से प्याज के गलने के कारण भूमि की उर्वरता प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है. इस समस्या के चलते किसानों को मजबूरी में प्याज की खुदाई करनी पड़ रही है. प्याज की खेती करने वाले जवान सिंह ने बताया कि प्याज उत्पादन पर निर्भर रहने वाले किसानों में निराशा बढ़ती जा रही है.
प्याज के भाव में भारी गिरावट से किसान परेशान
आपको बता दें कि धोद क्षेत्र में 20 से 25 हजार किसान सीधे इससे प्रभावित हुए हैं. रही-सही कसर पंजाब और सीमावर्ती जिलों में प्याज की मांग में लगातार कमी ने पूरी कर दी है. इससे सीकर और रसीदपुरा मंडी में उत्तर भारत के खरीददार नहीं पहुंच रहे हैं. किसानों के अनुसार बारिश के कारण प्याज गलने लगा है और कई स्थानों पर खेतों में ही सड़ गया है. इससे बाजार में इसकी मांग कम हो गई है. सीकर की प्याज मंडियों में इस समय केवल 15 से 20 प्रतिशत प्याज ही अच्छी गुणवत्ता वाला आ रहा है. इसके भी औसत भाव 8 से 9 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं. बारिश के कारण गुणवत्ता कम होने के कारण प्याज के औसत भाव 3 से 6 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं.
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चार माह की मेहनत हो गई बेकार
किसानों की मानें तो प्याज उत्पादन की औसतन लागत 15 रुपए प्रति किलो से ज्यादा है. इस बार रेट कम मिल रहा है. शेखावाटी की वातावरण के अनुसार सर्दी के सीजन का प्याज अगस्त माह में बोया जाता है. जिले में प्याज के औसत भाव शुरू में लागत से कम रहे और प्याज की बुवाई के समय बीज के भाव भी कम रहे. किसानों ने बेहतर भाव की आस में सर्दियों में प्याज की जमकर बुवाई की, प्याज उत्पादक किसानों के अनुसार यहां के प्याज में नमी ज्यादा होती है. ऐसे में हवा में मामूली नमी के कारण प्याज का छिलका खराब हो जाता है. प्रभावित किसानों ने प्राकृतिक आपदा राहत कोष से मुआवजा देने और प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है.
Location :
Sikar,Rajasthan
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सीकर के प्याज किसानों की बढ़ी परेशानी, अधिक उत्पादन के बावजूद हो रहा नुकसान