धरोहर: राजस्थान का चौमू पैलेस जिसका संबंध 1857 क्रांति से, बॉलीवुड फिल्मों का बना अड्डा

Last Updated:May 19, 2025, 12:02 IST
Dharohar: राजस्थान एक से एक बड़े महलों की खूबसूरती और नक्काशी के लिए जाना जाता है. जयपुर के पास भी एक ऐतिहासिक महल है. इस महल का नाम चौमू है. इस महल में बॉलीवुड के 100 करोड़ी फिल्मों की भी शूटिंग हो चुकी है. X
चौमू पैलेस
हाइलाइट्स
चौमू पैलेस अब एक हेरिटेज होटल है.यहां विदेशी पर्यटक राजशाही अनुभव लेने आते हैं.कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है.
जयपुर. राजधानी जयपुर से 46 किलोमीटर दूर चौमू शहर में एक ऐतिहासिक महल है, जिसे चौमू पैलेस के नाम से जाना जाता है. धरोहर स्पेशल सीरीज में आज हम इसी ऐतिहासिक महल के बारे में बताएंगे. चौमू पैलेस का निर्माण 19वीं शताब्दी में राव राजा शिवदान सिंह ने करवाया था. यह महल राजपूत और मुगल वास्तुकला का अनूठा संगम है, जिसमें विस्तृत नक्काशी, बड़े आंगन और शाही हॉल देखने को मिलते हैं. इतिहासकार राजेंद्र मधुकर ने बताया कि चौमू पैलेस यहां की रियासत के शासकों का निवास स्थान हुआ करता था, लेकिन अब इसे एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है.
राजशाही अनुभव के लिए आते लोगवर्तमान समय मे चौमू पैलेस को एक लग्जरी होटल में बदल दिया गया है. यहां विदेशी पर्यटक अधिक आते हैं. यहां पर्यटकों को राजशाही अनुभव मिलती है. रात के समय इस महल की लाइटिंग बहुत सुंदर होती है. यहां पैकेज के हिसाब से फैसलिटी मिलती है. वैसे आमतौर पर यहां एक दिन रुकने का चार्ज 8,000 से 20,000 तक रहता है.
वहीं, पर्यटकों के सीजन में यह चार्ज बढ़ भी जाता है. राजशाही थीम के अलावा यहां अन्य बड़ी होटलों की तरह स्विमिंग पूल, स्पा, रेस्तरां, बार, गार्डन और कॉन्फ्रेंस हॉल जैसे सुविधा भी उपलब्ध है. इसके अलावा, यहां कैमल सफारी, कल्चरल डांस और हाथी की सवारी जैसी एक्टिविटीज भी आयोजित की जाती हैं.
कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी चौमू पैलेस में 2007 में अक्षय कुमार, विद्या बालन और शाइनी आहूजा की फिल्म भूल-भुलैया कि शूटिंग भी यहां हुई थी. इसके अलावा बॉलीवुड फिल्म ‘बोल बच्चन’ और ‘भूत बंगला’ की शूटिंग भी हो चुकी है. चौमू पैलेस आज भी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां का शाही आतिथ्य, ऐतिहासिक वातावरण और फिल्मी संबंध इसे एक खास स्थान बनाते हैं. अगर आप राजस्थान की शाही विरासत का अनुभव लेना चाहते हैं, तो चौमू पैलेस एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
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राव राजा शिवदान सिंह कौन थेराव राजा शिवदान सिंह अलवर रियासत के शासक थे. उनका कार्यकाल 19वीं सदी के मध्य में था. उनका जन्म 1845 में हुआ था और वे अलवर के महाराव बने सिंह के इकलौते बेटे थे. अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की क्रांति के समय वो सिर्फ 12 साल की आयु में सिंहासन पर बैठे. वे अलवर की चित्रकला और संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं.
निखिल वर्मा
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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धरोहर: चौमू पैलेस जिसका संबंध 1857 क्रांति से, बॉलीवुड फिल्मों का बना अड्डा