Trouist place: इतिहास, सुंदरता और रहस्य… जवाई डेम की गहराइयों में छुपा है वो राज, जो किसी को भी कर दे मंत्रमुग्ध

Last Updated:July 25, 2025, 21:04 IST
Pali Tourist Place: जवाई डेम, पाली का जल स्रोत, अब एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है. इसका निर्माण 1946 में शुरू हुआ और 1957 में पूरा हुआ. मानसून में इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है.
हाइलाइट्स
जवाई डेम, पाली का जल स्रोत और पर्यटन स्थल है.1946 में शुरू हुआ निर्माण, 1957 में पूरा हुआ.मानसून में जवाई डेम की सुंदरता और बढ़ जाती है.पाली. जवाई डेम का नाम सुनते ही ज़ेहन में सबसे पहले यही ख्याल आता है कि यह पाली और आसपास के जिलों की प्यास बुझाने वाला एक जल स्रोत होगा. लेकिन समय के साथ जवाई डेम सिर्फ पानी का जरिया नहीं रहा. इसकी खूबसूरती, ऐतिहासिक महत्व और पहाड़ों के बीच इसकी अद्भुत बनावट ने इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल में बदल दिया है. इस डेम की लोकप्रियता अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैल चुकी है. इसका निर्माण कार्य साल 1946 में शुरू हुआ था और इसे पूरा होने में 11 साल से भी ज्यादा का समय लगा.
उस दौर में इसे बनाने में कुल 2 करोड़ 7 लाख रुपये खर्च हुए थे. उस समय यह डेम पाली के साथ-साथ जोधपुर शहर की प्यास बुझाने का भी काम करता था. आज यह डेम प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक ऐसा स्थल बन चुका है, जहां सैलानी दूर-दराज़ से पहुंचते हैं. खासतौर से जब कोई पहली बार यहां आता है तो वह इसकी भव्यता और पहाड़ियों से घिरी शांत झील को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है.
पर्यटकों के लिए केफेटेरिया और अन्य सुविधाएं
जवाई डेम के आसपास का इलाका पर्यटकों के लिए हर प्रकार की मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित है. यहां आने वाले सैलानियों के लिए एक सुंदर केफेटेरिया की सुविधा उपलब्ध है, जहां बैठकर वे डेम की खूबसूरती का आनंद लेते हुए स्वादिष्ट व्यंजन भी खा सकते हैं. साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा यहां छोटी-छोटी दुकानों के जरिए ज़रूरी सामान उपलब्ध कराया जाता है. ये दुकानें पर्यटकों की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार का भी जरिया हैं.
मानसून में बादलों की ओट में छिपा स्वर्गअगर आप मानसून के समय पाली आ रहे हैं तो जवाई डेम को देखना न भूलें. इस मौसम में यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती. बारिश के दौरान जब बादल पहाड़ियों के बीच से गुजरते हैं और डेम की सतह पर धुंध सी फैलती है, तब यहां का दृश्य बेहद लुभावना हो जाता है. डेम के चारों ओर की हरियाली और ठंडी हवा इस अनुभव को और भी खास बना देती है. यही कारण है कि हर साल बरसात के मौसम में यहां सैलानियों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिलता है.
जवाई डेम का ऐतिहासिक महत्वजवाई डेम का निर्माण वर्ष 1946 में शुरू किया गया था और इसे वर्ष 1957 में पूरा किया गया.इस बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा करवाया गया था.इस परियोजना पर उस समय कुल 2 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत आई थी.आज यह डेम जल आपूर्ति के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी पाली की पहचान बन चुका है.
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इतिहास, सुंदरता और रहस्य… जवाई डेम में छुपा है वो राज, जो किसी का भी मोह ले मन