झालावाड़ हादसे के बाद करौली के इस गांव में मचा हड़कंप, अचानक भरभराकर गिरी सरकारी स्कूल की छत, बाल-बाल बचे बच्चे!

Last Updated:July 26, 2025, 18:27 IST
Karauli News: करौली जिले के इनायती गांव में स्कूल की जर्जर छत गिरने से बड़ा हादसा टल गया. घटना से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे और ग्रामीणों में भय पैदा हुआ. प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया.
हाइलाइट्स
करौली में स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा टला.ग्रामीणों ने स्कूल भवन की मरम्मत की मांग की.प्रशासन ने जर्जर कमरों में कक्षाएं न लगाने के निर्देश दिए.करौली. करौली जिले के सपोटरा उपखंड के इनायती गांव में शनिवार को एक बड़े हादसे की आशंका उस वक्त टल गई, जब राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर छत का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा. यह घटना उस समय हुई जब स्कूल की कक्षाएं अभी शुरू भी नहीं हुई थीं. यदि यह हादसा कुछ देर बाद होता, जब बच्चे कक्षा में बैठ चुके होते, तो कई मासूम जानें जा सकती थीं. इस पूरी घटना ने न सिर्फ शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि ग्रामीणों और अभिभावकों के बीच गहरा भय भी पैदा कर दिया है.
छत गिरने की तेज आवाज सुनकर न केवल स्कूल स्टाफ, बल्कि आस-पड़ोस के लोग भी दहशत में आ गए. देखते ही देखते स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और बच्चों के परिजन भी डर के मारे स्कूल की ओर दौड़ पड़े. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल भवन लंबे समय से बेहद जर्जर हालत में है और इस बारे में कई बार अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा यह सवाल अब प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल रहा है, जिसे अब तक नजरअंदाज किया जाता रहा है.
पहले से दी जा चुकी थी चेतावनी
स्कूल के प्रधानाचार्य संतराम मीणा ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर मामले के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. संतराम मीणा ने यह भी बताया कि स्कूल भवन की स्थिति को लेकर पहले भी कई बार रिपोर्ट भेजी गई थी. उन्होंने चेताया था कि यदि जल्द मरम्मत नहीं कराई गई तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन बार-बार चेतावनी के बावजूद विभागीय स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया.
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और दावाजिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) इंद्रेश तिवारी ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही एसीबीईओ को मौके पर भेज दिया गया है और पूरी जानकारी ली जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि जिस कमरे की छत गिरी है, वह पहले से ही प्रयोग में नहीं लिया जा रहा था और वहां बच्चों को नहीं बैठाया जा रहा था. साथ ही, सभी विद्यालयों को सतर्क रहने और जर्जर कमरों में कक्षाएं न लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. हालांकि, यह बात ग्रामीणों को आश्वस्त नहीं कर पाई है क्योंकि उनका कहना है कि भवन की मरम्मत को लेकर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
झालावाड़ जैसी त्रासदी का डरइस घटना ने लोगों के मन में एक दिन पहले झालावाड़ में हुई उस दर्दनाक घटना की याद ताजा कर दी है, जहां स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की जान चली गई थी. इनायती गांव की घटना में भले ही कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी स्कूलों की हालत बेहद दयनीय है और शिक्षा विभाग की अनदेखी अब बच्चों की जान पर बन आई है. ग्रामीणों और अभिभावकों ने एकजुट होकर मांग की है कि स्कूल भवन की तुरंत मरम्मत कराई जाए. उनका कहना है कि अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो अगली बार कोई बड़ा हादसा टाला नहीं जा सकेगा.
Location :
Karauli,Rajasthan
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झालावाड़ के बाद अब करौली में हड़कंप, अचानक भरभरा के गिरी सरकारी स्कूल की छत



