Signs That Tell Death Is Near | मौत कैसे पहचानें कि पास आ गई है? 8 लक्षण पहले आते हैं

Last Updated:July 26, 2025, 20:05 IST
किसी की मौत कब आती है. इसका पता लगाना आसान नहीं है लेकिन एक शोध में पाया गया है कि जब कोई व्यक्ति मृत्यु के करीब पहुंचता है तो उसके शरीर और व्यवहार में कुछ खास बदलाव देखने को मिलते हैं. तो मृत्यु से कुछ दिन पहले शरीर में कौन-से 8 लक्षण दिखाई देते हैं? जानिए पूरी जानकारी.
जीवन और मृत्यु… यही दो सबसे बड़े सत्य हैं! किसी अपने को अपनी आंखों के सामने जाते देखना शायद दुनिया का सबसे बड़ा भावनात्मक संघर्ष होता है. जब कोई व्यक्ति बहुत बीमार होता है और जीवन के अंतिम चरण में पहुंच जाता है, जब वह मरणासन्न होता है या मृत्यु के करीब होता है तब उसका शरीर धीरे-धीरे एक निश्चित प्रक्रिया के तहत काम करना बंद करने लगता है. शोध में पाया गया है कि जब कोई व्यक्ति मृत्यु के करीब होता है, तो उसके शरीर और व्यवहार में कुछ खास बदलाव दिखाई देने लगते हैं. मृत्यु से कुछ दिन पहले, विशेष रूप से 5 से 7 दिन पहले, शरीर में कौन-से 8 प्रमुख लक्षण उभरते हैं? आइए इसके बारे में जानें.
भूख और प्यास का कम हो जाना – मृत्यु से कुछ दिन या लगभग एक सप्ताह पहले मरणासन्न व्यक्ति खाने-पीने में रुचि खोने लगते हैं. ऐसे में उन्हें ज़बरदस्ती खिलाने की कोशिश न करें. इसके बजाय उन्हें आराम देने के लिए गीले कपड़े, बर्फ के टुकड़े या लिप बाम की मदद से होंठ और मुंह को नम रखने की कोशिश करें.
नींद बढ़ जाना- जैसे-जैसे मृत्यु पास आती है व्यक्ति आमतौर पर अधिक सोने लगते हैं और यदि जागते भी हैं तो नींद के नशे में रहते हैं या प्रतिक्रिया नहीं देते. नींद की यह बढ़ती आवश्यकता इस बात का संकेत है कि शरीर धीरे-धीरे अपने कार्यों को धीमा कर रहा है और बची हुई ऊर्जा को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहा है. अंत के दिनों में कुछ लोग अर्ध-बेहोशी की अवस्था में चले जाते हैं. अगर आपके प्रियजन कोई प्रतिक्रिया न दें, तो भी वे आपकी बातें सुन सकते हैं. हल्की आवाज़ में बात करना, शांत संगीत बजाना या उनका हाथ थामे रखना – ये सब चीजें उन्हें शांति और सुकून दे सकती हैं.
मल-मूत्र की सामान्य आदतों में बदलाव -खाना और तरल पदार्थ कम लेने के कारण मलत्याग और पेशाब की मात्रा में भी कमी आ जाती है. कुछ लोगों को मल-मूत्र पर नियंत्रण न रहने (इनकॉन्टिनेंस) की समस्या हो सकती है या फिर मलत्याग पूरी तरह बंद हो सकता है. ये बदलाव भले ही देखने में कठिन हों लेकिन ये मृत्यु की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं.
<br />मांसपेशियों की शक्ति में कमी और थकान -जब मृत्यु निकट होती है तब शरीर की ऊर्जा का अधिकांश भाग केवल आवश्यक अंगों की क्रियाओं को बनाए रखने में लग जाता है जिससे सामान्य शारीरिक गतिविधियों के लिए बहुत कम ऊर्जा बचती है. इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति बेहद कमजोर और थका हुआ महसूस करता है.
जीवित संकेतों (वाइटल साइन्स) में उतार-चढ़ाव – मृत्यु के करीब पहुंचने पर ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, हृदय गति अनियमित हो सकती है, नब्ज कमजोर पड़ जाती है, और सांस लेना धीमा हो जाता है.
<br />त्वचा का ठंडा हो जाना -जब रक्त संचार धीमा हो जाता है तो त्वचा – खासकर हाथों, पैरों और तलवों पर – ठंडी महसूस होने लगती है. कभी-कभी त्वचा पर नीले या बैंगनी रंग के धब्बे भी दिखने लगते हैं.
<br />सांस लेने के पैटर्न और आवाज़ में बदलाव -अंतिम कुछ दिनों या घंटों में व्यक्ति के श्वास लेने का तरीका बदल सकता है. यह तेज़, हल्का या अनियमित हो सकता है और बीच-बीच में लंबी देर तक रुक भी सकता है, जिसे Cheyne-Stokes श्वसन कहा जाता है. कुछ लोगों के गले में बलगम या तरल पदार्थ जमा हो जाने के कारण सांस लेने पर घरघराहट या गड़गड़ाहट जैसी आवाज़ आती है, जिसे “डैथ रैटल” कहा जाता है.
<br />भ्रम और दृष्टिभ्रम (हैलुसिनेशन)-कुछ लोग ऐसी चीजें देखते या सुनते हैं जो वास्तव में वहां नहीं होतीं. अक्सर वे अपने दिवंगत प्रियजनों या किसी आध्यात्मिक शक्ति को देख सकते हैं. ऐसे समय में उन्हें टोकने या बहस करने की कोशिश न करें. इसके बजाय शांत और सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएं, जिससे उन्हें भावनात्मक सुकून मिल सके.
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Signs That Tell Death Is Near: मृत्यु से 7 दिन पहले ही शरीर में दिखते ये लक्षण