भक्ति के नाम पर खौफनाक खेल… ‘सिद्ध पुरुष’ निकला ISI का जासूस! खुल गया बहुत बड़ा राज

Last Updated:October 12, 2025, 00:26 IST
Alwar ISI Agent Mangat Singh: अलवर के “सिद्ध पुरुष” मंगत सिंह, असल में ISI का प्रशिक्षित जासूस निकला. उसने पुलवामा हमले की जानकारी साझा की, हनी ट्रैप में फंसा और सेना तक नेटवर्क फैलाया.
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अरबाज अहमद/जयपुर. राजस्थान की खुफिया एजेंसियों ने अलवर जिले से एक सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसने सुरक्षा तंत्र में हड़कंप मचा दिया है. अलवर से गिरफ्तार मंगत सिंह, जो इलाके में “सिद्ध पुरुष” के नाम से जाना जाता था, असल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्रशिक्षित जासूस निकला. लंबे समय से मंगत सिंह अलवर और नीमराना क्षेत्र में आध्यात्मिक छवि के पीछे छिपकर सक्रिय था और उसके नेटवर्क की जड़ें भारतीय सुरक्षा तंत्र तक फैली हुई थीं.
जांच में सामने आया है कि मंगत सिंह ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही पाकिस्तान के हैंडलरों के संपर्क में था. इसके अलावा, पुलवामा हमले से जुड़ी जानकारी भी उसने पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा की. आरोपी के मोबाइल और अन्य उपकरणों से कई गुप्त सूचनाएं मिली हैं, जिन्हें फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है.
हनी ट्रैप और पैसों का लेन-देनइंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, मंगत सिंह हनी ट्रैप के जाल में फंसकर पैसों का लेन-देन भी करता रहा. उसके अकाउंट और मोबाइल से ₹8000 और ₹1500 के कई ट्रांजैक्शन मिले, जो कभी उसके खाते में और कभी दूसरों के माध्यम से किए गए. मोबाइल में दो नंबर भी मिले. ईशा शर्मा और ईशा घोष. जिनके जरिए माना जा रहा है कि हैंडलर उसे हनी ट्रैप ऑपरेशन में फंसा रहे थे.
आध्यात्मिक मुखौटे के पीछे जासूसी
अलवर और आसपास के इलाके में मंगत सिंह को लोग आध्यात्मिक व्यक्ति मानते थे, लेकिन अब उसके आश्रम से जो खुलासा हुआ है, वह किसी अपराध कथा से कम नहीं. इंटेलिजेंस का कहना है कि “भक्ति के चोले के पीछे जासूसी का कारोबार चल रहा था”. नीमराना क्षेत्र में उसने आर्मी और बीएसएफ से जुड़े संपर्क बनाने की कोशिश की, जिससे शक जताया जा रहा है कि इसके तार सेना के अंदर तक फैले हो सकते हैं.
गिरफ्तारी और पूछताछ
शनिवार को गिरफ्तार मंगत सिंह को जयपुर अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 3 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा गया. अब एटीएस और खुफिया एजेंसियां उसे विभिन्न लोकेशनों पर लेकर पूछताछ कर रही हैं ताकि उसके नेटवर्क और पैसों के रास्ते का पता लगाया जा सके. स्पेशल पीपी सुदेश कुमार सतवान ने कहा कि मंगत सिंह कोई मासूम व्यक्ति नहीं था, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा था.
जासूसी के नए रूप का संकेत
ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान में यह पांचवां जासूसी नेटवर्क सामने आया है और एजेंसियां सीमावर्ती इलाकों में सतर्क हैं. यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि अब जासूसी सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि आस्था और भरोसे के मुखौटे के जरिए भी की जा रही है. “सिद्ध पुरुष” से लेकर पाकिस्तान के हैंडलर तक. जासूसी की यह कहानी खतरनाक और गहरी है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
October 12, 2025, 00:19 IST
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