Cow Dung Eco-Friendly Lamps from Badmer.

Last Updated:October 12, 2025, 15:22 IST
Cow Dung Eco-Friendly Lamps: बाड़मेर की महिलाएं गाय के गोबर और मिट्टी से इको फ्रेंडली दीपक बना रही हैं. इन दीपकों की मांग गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुँच चुकी है. ‘नया आगाज संस्थान’ की महिलाओं ने ट्रेनिंग लेकर स्वरोजगार शुरू किया और अब तक तीन हजार से अधिक दीपक तैयार कर देशभर में भेज चुकी हैं.
ख़बरें फटाफट
गोबर दीपक: बाड़मेर की महिलाओं की मेहनत ने बनाई पहचान.
बाड़मेर. पश्चिम राजस्थान के सरहदी शहर बाड़मेर में एक नई पहल पूरे देश में पहचान बना रही है. ‘नया आगाज संस्थान’ से जुड़ी महिलाएं गाय के गोबर और मिट्टी से इको फ्रेंडली दीपक बना रही हैं, जिनकी मांग देशभर में बढ़ती जा रही है.
इन दीपकों की खासियत यह है कि ये जलने के बाद भी मिट्टी को पोषक तत्व देते हैं. दीपावली जैसे त्योहारों पर इनकी डिमांड गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुँच चुकी है. बाड़मेर की महिलाओं ने गुजरात के मेहसाणा जिले के कमालपुरा में दो दिन की ट्रेनिंग ली. इसमें शोभा गौड़, सुगनी देवी, अंजुला देवी, गोमी देवी, मोहनी देवी और रेखा देवी ने गोबर और मिट्टी से दीपक बनाने की बारीकियां सीखीं.
अब ये महिलाएं घर बैठकर स्वरोजगार से जुड़ी हुई हैं और एक दिन में लगभग 200 दीपक बना लेती हैं.
150 से अधिक उत्पाद तैयार कर रही महिलाएंगोबर और मिट्टी से केवल दीपक ही नहीं, बल्कि महिलाएं मूर्तियाँ, हवन सामग्री, दीवार सजावट, अगरबत्ती, माला और गमले भी बना रही हैं. ये सभी उत्पाद “लोकल फॉर वोकल” की भावना से देशभर में पहुँच रहे हैं.
नया आगाज संस्थान की सचिव शौभा गौड़ के अनुसार, अब तक तीन हजार से अधिक दीपक तैयार किए जा चुके हैं.
इको फ्रेंडली दीपकों की खासियत
जलने के बाद पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं.
मिट्टी में खाद के रूप में पोषण देते हैं.
पर्यावरण हितैषी और प्राकृतिक सामग्री से बने.
बाड़मेर की इन महिलाओं की मेहनत ने न केवल रोजगार दिया, बल्कि पूरे देश में इको फ्रेंडली दीपकों की पहचान भी बनाई.
Location :
Barmer,Barmer,Rajasthan
First Published :
October 12, 2025, 15:22 IST
बाड़मेर की महिलाओं ने बनाया गोबर से ऐसा दीपक, गुजरात-महाराष्ट्र तक डिमांड!