Rajasthan

Moondru Shyam Temple The Oldest Shyam Mandir in Sikar, Older than Khatu Shyam Ji.

Last Updated:October 12, 2025, 19:15 IST

Moondru Shyam Temple: सीकर जिले के मूंडरू गांव में स्थित श्याम मंदिर बाबा श्याम का सबसे प्राचीन धाम माना जाता है. 1656 में हृदयनाथ सिंह द्वारा स्थापित यह मंदिर बर्बरीक के धड़ से जुड़ा है. यहां दो शीशों की पूजा होती है. 1981 की बाढ़ में मंदिर के पुनः प्रकट होने को ग्रामीण आज भी चमत्कार मानते हैं.

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सीकर. विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी धाम की भांति, सीकर जिले का मूंडरू गांव भी बाबा श्याम की भक्ति का केंद्र माना जाता है. बताया जाता है कि मूंडरू का श्याम मंदिर सबसे प्राचीन श्याम मंदिर है, जिसकी स्थापना वर्ष 1656 ईस्वी में हृदयनाथ सिंह द्वारा की गई थी. इसका इतिहास खाटू श्याम धाम से भी पहले का माना जाता है. कथाओं के अनुसार, हृदयनाथ सिंह भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे. एक रात उन्होंने स्वप्न में भगवान कृष्ण के दर्शन किए, जिन्होंने बताया कि मूंडरू की धरती के नीचे महाभारत कालीन वीर बर्बरीक (घटोत्कच के पुत्र) का धड़ दबा हुआ है.

सपने के बाद जब हृदयनाथ सिंह ने खुदाई करवाई, तो वहां से एक धड़ (मुंड) निकला. स्थानीय बोली में ‘मुंड’ का अर्थ धड़ (trunk) होता है — और इसी से इस गांव का नाम “मूंडरू” पड़ा. यह मंदिर बर्बरीक के धड़ से जुड़ा होने के कारण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है.

दो शीशों की होती है अनूठी पूजाइस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां बाबा श्याम के दो शीशों की पूजा की जाती है. इनमें से एक शीश वही है जो खुदाई के दौरान 1656 में प्राप्त हुआ था. यह अनूठी परंपरा आज भी निरंतर जारी है और इसे बाबा श्याम के “प्राचीनतम रूप” के रूप में पूजा जाता है.

1981 का चमत्कार जब मंदिर फिर प्रकट हुआमंदिर के पुजारियों के अनुसार, कई वर्षों तक यह मंदिर धरती में दबा रहा और इसका कोई निशान नहीं बचा था. लेकिन 1981 में आई भीषण बाढ़ के दौरान जब भूमि धंसी, तो मंदिर का ढांचा पुनः प्रकट हुआ. ग्रामीणों ने इसे “1981 का चमत्कार” बताया. इसके बाद मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ और इसे दो मंज़िला संरचना में विकसित किया गया, जो आज अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है.

कांच की कारीगरी और दिव्य आभामंदिर के गर्भगृह और दीवारों में पारंपरिक राजस्थानी कांच कला (Glass Mosaic Art) का अद्भुत समावेश है. सूर्य की रोशनी पड़ते ही ये कांच के टुकड़े पूरे मंदिर को एक “कांच के महल” जैसी दिव्यता प्रदान करते हैं. भक्तों का विश्वास है कि मूंडरू श्याम मंदिर में दर्शन करने से जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

Location :

Sikar,Sikar,Rajasthan

First Published :

October 12, 2025, 19:15 IST

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खाटू से पहले था ये धाम? दो सिर की होती है पूजा, मूंडरू श्याम मंदिर का रहस्य

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