किशनगंज बनेगा बीजेपी का ‘बदलापुर’, 10 साल बाद शाहनवाज हुसैन लड़ेंगे बिहार चुनाव?

Last Updated:October 12, 2025, 20:25 IST
Bihar Chunav: बीजेपी के दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन बिहार चुनाव लड़ सकते हैं. बीजेपी हुसैन को किशनगंज सीट से मैदान में उतार सकती है. शाहनवाज हुसैन ने अपना आखिरी चुनाव कब लड़ा था?
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क्या शाहनवाज हुसैने लड़ेंगे बिहार चुनाव?
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी एक असाधारण और रणनीतिक दांव चलने की तैयारी में है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन मुस्लिम बहुल किशनगंज सीट से मैदान में उतर सकते हैं. बीजेपी ने हुसैन को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया है. हुसैन का हिन्दू-मुस्लिम दोनों ही समुदायों में अच्छी पकड़ का फायदा बीजेपी बिहार चुनाव में उठा सकती है. हुसैन न केवल किशनगंज बल्कि भागलपुर और सीमांचल के कई सीटों पर महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं. बीजेपी की यह रणनीति केवल जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि किशनगंज को ‘बदलापुर’ यानी बदलाव का केंद्र बनाकर सीमांचल और भागलपुर के चुनावी समीकरण को पूरी तरह से बदलना चाहती है.
शाहनवाज हुसैन अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचकर ख्वाजा गरीब नवाज में पार्टी की कामयाबी के साथ बिहार चुनाव में बेहतरीन रिजल्ट की दुआ मांग चुके हैं. बीते दिनों शाहनवाज हुसैन ने अजमेर दरगाह पर चादर भी चढ़ाई और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात भी की. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि क्या शाहनवाज को पार्टी से सिग्नल मिल चुका है? शाहनवाज के चुनाव लड़ने से बीजेपी को किन-किन इलाकों में फायदा पहुंचेगा? बीजेपी कितने सालों बाद किसी मुस्लिम को बिहार चुनाव में उतारेगी?10 साल बाद क्या शाहनवाज हुसैन लड़ेंगे चुनाव?
शाहनवाज हुसैन ने रविवार को अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचकर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर चढ़ाई और पार्टी की कामयाबी के साथ-साथ बिहार चुनाव में बेहतरीन नतीजों के लिए दुआ मांगी है. उनका यह धार्मिक दौरा स्पष्ट रूप से बिहार की राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी के संकेत दे रहा है. किशनगंज बिहार की एकमात्र ऐसी विधानसभा सीट है जहां मुस्लिम मतदाता बहुसंख्यक हैं. बीजेपी यहां शाहनवाज हुसैन को उतारकर एक बड़ा संदेश देना चाहती है.
बीजेपी का बदलापुर साबित होगा किशनगंज?
शाहनवाज हुसैन की छवि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में समान रूप से स्वीकार्य है. बीजेपी उनकी इस धर्मनिरपेक्ष अपील का फायदा उठाकर सीमांचल क्षेत्र के मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करना चाहती है. साथ ही किशनगंज के आस-पास के सीमांचल जिलों कटिहार, पूर्णिया, अररिया की लगभग 20-25 सीटों पर मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका में है. शाहनवाज की उपस्थिति इन सभी सीटों पर बीजेपी और एनडीए के अन्य उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाएगी.
शाहनवाज हुसैन आखिरी चुनाव कब लड़े थे?
शाहनवाज हुसैन भागलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और वहां उनका मजबूत जनाधार है. उनका विधानसभा चुनाव लड़ना भागलपुर क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर भी सकारात्मक असर डालेगा. सैयद शाहनवाज हुसैन ने पिछली बार 2014 में भागलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार मिली थी. इसके बाद वह प्रत्यक्ष चुनाव से दूर रहे. हालांकि, वह 2021 में बिहार विधान परिषद (MLC) के सदस्य बने और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री भी रहे. विधानसभा का सीधा चुनाव वह एक दशक से भी अधिक समय बाद लड़ने जा रहे हैं.
बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देने में अक्सर संकोच करती रही है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया है. शाहनवाज हुसैन को किशनगंज जैसी मुस्लिम बहुल सीट से उतारना बीजेपी की रणनीति में बड़ा बदलाव है. यह पार्टी की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक ठोस संदेश होगा कि बीजेपी योग्य मुस्लिम नेताओं को सत्ता में साझेदारी देने के लिए तैयार है. यह कदम आरजेडी और एआईएमआईएम की अल्पसंख्यक राजनीति को कमजोर कर सकता है. शाहनवाज हुसैन का किशनगंज से चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए व्यक्तिगत से ज्यादा वैचारिक और रणनीतिक दांव है.
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा…और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा… और पढ़ें
First Published :
October 12, 2025, 20:19 IST
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किशनगंज बनेगा BJP का ‘बदलापुर’, 10 साल बाद शाहनवाज हुसैन लड़ेंगे बिहार चुनाव?