Egypt Foreign Minister India Visit: अरब वर्ल्ड से PAK को सबसे बड़ा धोखा! भारत आ रहे इस मुस्लिम देश के विदेश मंत्री, जानिए भारत को क्यों चुना नया दोस्त?

Last Updated:October 12, 2025, 22:51 IST
Egypt Foreign Minister India Visit: मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती 16-17 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं. यह दौरा भारत-मिस्र संबंधों को नई दिशा देगा और पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक झटका साबित हो सकता है.
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मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती 16-17 अक्टूबर को भारत यात्रा पर रहेंगे.
नई दिल्ली: भारत की कूटनीति एक बार फिर दुनिया का ध्यान खींचने जा रही है. मिस्र (Egypt) के नए विदेश मंत्री बद्र अब्देलती (Badr Abdelatty) 16 और 17 अक्टूबर को भारत के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं. यह यात्रा केवल दो देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने का प्रतीक नहीं है. बल्कि इस्लामी दुनिया के बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों की झलक भी दिखाती है.
अब्देलती की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान, इस्लामी जगत में अपनी पकड़ खोता जा रहा है. मिस्र जैसे प्रमुख मुस्लिम देश का भारत को प्राथमिकता देना इस बात का संकेत है कि अब मध्य-पूर्व के देश धार्मिक भावनाओं से अधिक आर्थिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और सुरक्षा सहयोग को अहमियत दे रहे हैं.
बद्र अब्देलती कौन हैं?बद्र अब्देलती ने 2024 में मिस्र के विदेश मंत्री का पद संभाला. वे एक अनुभवी राजनयिक हैं. उन्होंने यूरोप और अफ्रीका में मिस्र के हितों को सशक्त रूप से आगे बढ़ाया है. अब्देलती का भारत दौरा उनके कार्यकाल की पहली बड़ी एशियाई यात्रा है, जिसे काहिरा और नई दिल्ली दोनों ही “रणनीतिक संवाद” के रूप में देख रहे हैं.
भारत-मिस्र रिश्ते: प्राचीन सभ्यताओं से आधुनिक साझेदारी तकभारत और मिस्र दो प्राचीन सभ्यताएं हैं जिनका सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ता दशकों पुराना है. 1950 के दशक में पंडित नेहरू और मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्देल नासिर के बीच बनी साझेदारी ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की नींव रखी थी. आज वही भावना फिर जीवित होती दिख रही है, जब दोनों देश वैश्विक दक्षिण (Global South) के हितों के लिए साथ खड़े हैं.
1965 में पाकिस्तान को मिला था मिस्र से झटका
भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965) के दौरान मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति नासिर ने भारत का खुला समर्थन किया था. नासिर ने पाकिस्तान को अमेरिका समर्थक गुट का हिस्सा मानते हुए भारत की तटस्थ नीति को सराहा. मिस्र ने न केवल पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने से इनकार किया, बल्कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के पक्ष में नरम रुख भी अपनाया. यह वह दौर था जब पाकिस्तान को पहली बार एहसास हुआ कि मिस्र उसे इस्लामी दुनिया का स्वाभाविक नेता नहीं मानता.
आज के रिश्ते: भारत करीब, पाकिस्तान दूरवर्तमान में मिस्र और पाकिस्तान के बीच रिश्ते औपचारिकता तक सीमित हैं. व्यापार लगभग शून्य है और राजनीतिक संवाद भी ठंडा पड़ा है. इसके उलट भारत और मिस्र ने रक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाए हैं. बद्र अब्देलती की भारत यात्रा को दोनों देशों के बीच ‘नई रणनीतिक साझेदारी’ की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है.
कैसे भारत की कूटनीतिक जीत?अब्देलती की यात्रा का संदेश साफ है इस्लामी एकता का पुराना नैरेटिव टूट रहा है. मिस्र जैसे मुस्लिम राष्ट्र अब पाकिस्तान की “कश्मीर लॉबी” से दूर होकर भारत के साथ भविष्य देख रहे हैं. भारत की आर्थिक ताकत, स्थिर लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय साख अब उसे इस्लामी दुनिया के लिए आकर्षक साझेदार बना रही है. पाकिस्तान के लिए यह न सिर्फ कूटनीतिक झटका है, बल्कि उसके दशकों पुराने विदेशी एजेंडे की नाकामी भी.
Sumit Kumar
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें
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October 12, 2025, 22:49 IST
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अरब वर्ल्ड से PAK को सबसे बड़ा धोखा! भारत आ रहे इस मुस्लिम देश के विदेश मंत्री