सम्मक्का सारलम्मा मंदिर में डिजिटल हुंडी की शुरुआत, भक्त QR को स्कैन कर सीधे बैंक खाते में भेज सकते हैं चढ़ावा

Last Updated:October 13, 2025, 20:50 IST
Sammakka Saralamma Temple : तेलंगाना के प्रसिद्ध सम्मक्का सारलम्मा मंदिर में डिजिटल हुंडी शुरू की गई है. अब भक्त QR कोड स्कैन कर सीधे बैंक खाते में चढ़ावा भेज सकते हैं. यह कदम भक्तों के लिए सुविधाजनक, नकद रहित और सुरक्षित है, साथ ही मंदिर प्रशासन के लिए फंड प्रबंधन आसान और पारदर्शी बनाएगा. 2026 के मेले की तैयारियों में यह एक आधुनिक पहल है.
ख़बरें फटाफट
हैदराबाद: तेलंगाना प्रदेश की प्रसिद्ध आदिवासी देवी सम्मक्का सारलम्मा का मंदिर अब आधुनिक तकनीक से सज गया है. जनवरी 2026 में होने वाले महान सम्मक्का सारलम्मा जात्रा मेले की तैयारियों के तहत मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा और आधुनिक कदम उठाते हुए ‘डिजिटल हुंडी’ की शुरुआत की है. यानी अब भक्त मोबाइल फोन के जरिए QR कोड स्कैन करके सीधे मंदिर के हुंडी खाते में चढ़ावा चढ़ा सकते हैं.
यह निर्णय मंदिर प्रशासन की एक बड़ी समस्या के समाधान के रूप में सामने आया है. प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आने वाले भक्तों द्वारा चढ़ाए गए नोटों और सिक्कों को गिनना, रखरखाव करना और सुरक्षित रूप से जमा करना मंदिर प्रशासन के लिए एक अत्यंत श्रमसाध्य, समय लेने वाला और चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया था. विशेष रूप से मेले के दौरान, जब चढ़ावे की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, यह प्रक्रिया और भी जटिल हो जाती थी.
कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का फैसला किया है इसके लिए मंदिर परिसर और उसके आसपास की विभिन्न रणनीतिक स्थानों पर उच्च गुणवत्ता वाले QR कोड लगाए गए हैं भक्त अपने स्मार्टफोन में किसी भी UPI एप्लिकेशन जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm, आदि का उपयोग करके इन QR कोड को स्कैन करेंगे. स्कैन करने के बाद, उनके सामने मंदिर का आधिकारिक बैंक खाता नंबर स्वत ही प्रकट हो जाएगा. भक्त अपनी इच्छानुसार राशि दर्ज करके पल भर में चढ़ावा सीधे मंदिर के खाते में सुरक्षित रूप से ट्रांसफर कर सकेंगे.
नई प्रणाली के लाभअब भक्तों को नकद नोट या सिक्के लाने की आवश्यकता नहीं है. इससे उन्हें नकदी रखने संबंधी चिंता और असुविधा से मुक्ति मिलेगी साथ ही चढ़ावे की राशि सीधे बैंक खाते में जमा होने से गिनती, संग्रह और रखरखाव का खर्च और समय बचेगा. लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा. डिजिटल लेनदेन से मंदिर के फंड प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि प्रत्येक लेन-देन का एक स्पष्ट रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा.
2026 के महा-मेले की तैयारीयह कदम आगामी जनवरी 2026 में होने वाले सम्मक्का सारलम्मा के विशाल मेले की तैयारियों का एक अहम हिस्सा है. राज्य सरकार और मंदिर प्रबंधन इस मेले को और भी व्यवस्थित, सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. डिजिटल हुंडी की शुरुआत इसी दिशा में एक स्मार्ट कदम है जो तीर्थयात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हुए मंदिर के प्रबंधन को अधिक कुशल बनाएगी.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
October 13, 2025, 20:50 IST
homelifestyle
सम्मक्का सारलम्मा मंदिर में डिजिटल हुंडी शुरू, भक्त QR स्कैन कर चढ़ावा भेज सके