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धनतेरस 2025 पर क्या खरीदें शुभ, तिथि और मुहूर्त की पूरी जानकारी.

Last Updated:October 13, 2025, 15:27 IST

Dhanteras Rituals: धनतेरस, जो दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन बजट न होने पर भी कुछ अन्य वस्तुएं खरीदना मंगलकारी होता है. पीतल के बर्तन आरोग्य और धन वृद्धि लाते हैं, कौड़ी मां लक्ष्मी से जुड़ी होती है और इन्हें हल्दी में रंगकर तिजोरी में रखना चाहिए.देश भर में पूरे साल अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है धनतेरस। यह त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन अगर आपके पास इस बार सोना-चांदी खरीदने का बजट नहीं है तो कुछ अन्य वस्तुएं भी ऐसी हैं जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदना बहुत मंगलकारी माना जाता है।

देश भर में पूरे साल अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है धनतेरस। यह त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन यदि इस बार आपके पास सोना-चांदी खरीदने का बजट नहीं है, तो कुछ अन्य वस्तुएं भी ऐसी हैं, जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है.

पीतल के बर्तन पीतल को भगवान धन्वंतरि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस पर पीतल का बर्तन खरीदने और घर में रखने से आरोग्य, सौभाग्य और धन में तेरह गुना वृद्धि होती है।

पीतल के बर्तन- <span style=”color: currentcolor;”>पीतल को भगवान धन्वंतरि का प्रतीक माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन पीतल का बर्तन खरीदकर घर में रखने से आरोग्य, सौभाग्य और धन में तेरह गुना वृद्धि होती है.</span>

पीली कौड़ियां कौड़ी को मां लक्ष्मी से जुड़ा हुआ माना जाता है। धनतेरस के दिन कौड़ियां खरीदकर लाएं। यदि वे पहले से रंगी हुई न हों, तो उन्हें हल्दी में रंग लें। दिवाली की रात, लक्ष्मी पूजन के बाद इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी में रख दें। इससे घर में निरंतर धन का प्रवाह बना रहता है।

पीली कौड़ियां<br />कौड़ी को मां लक्ष्मी से जुड़ा हुआ माना जाता है, धनतेरस के दिन कौड़ियां खरीदकर लानी चाहिए. यदि वे पहले से रंगी हुई न हों, तो उन्हें हल्दी में रंग लें. दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के बाद इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी में रख दें, ऐसा करने से घर में निरंतर धन का प्रवाह बना रहता है.

गोमती चक्र गोमती चक्र को बहुत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है। धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र खरीदकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन की कमी दूर होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।

गोमती चक्र- <span style=”color: currentcolor;”>गोमती चक्र को बहुत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है, धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र खरीदकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखना चाहिए. ऐसा करने से धन की कमी दूर होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.</span>

 नई झाड़ू धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि नई झाड़ू घर से दरिद्रता को दूर करती है और सुख-समृद्धि का वास कराती है। इस झाड़ू को घर लाकर उपयोग में लाने से पहले इसकी पूजा अवश्य करें

नई झाड़ू<br />धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है, इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नई झाड़ू घर से दरिद्रता को दूर करती है और सुख-समृद्धि का वास कराती है. इस झाड़ू को घर लाकर उपयोग में लाने से पहले इसकी पूजा अवश्य करनी चाहिए.

धनिया के बीज धनतेरस पर धनिया के सूखे बीज खरीदकर मां लक्ष्मी को अर्पित करना शुभ माना जाता है। धनिया को धन का प्रतीक भी कहा जाता है। पूजा के बाद इन बीजों को अपनी तिजोरी या लक्ष्मीजी के स्थान पर रखने से घर में स्थिरता और समृद्धि आती है

धनिया के बीज<br />धनतेरस पर धनिया के सूखे बीज खरीदकर मां लक्ष्मी को अर्पित करना शुभ माना जाता है. धनिया को धन का प्रतीक भी कहा जाता है. पूजा के बाद इन बीजों को अपनी तिजोरी या लक्ष्मीजी के स्थान पर रखने से घर में स्थिरता और समृद्धि आती है.

धनतेरस 2025: तिथि एवं मुहूर्त इस वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से होगा और यह तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। चूंकि प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को ही पड़ रही है, इसलिए इसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।

धनतेरस 2025: तिथि एवं मुहूर्त<br />इस वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी. चूंकि प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को ही पड़ रही है, इसलिए इसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा.

First Published :

October 13, 2025, 15:27 IST

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इस धनतेरस पर अपने घर ले आएं ये 5 शुभ चीजें, मां लक्ष्मी का होगा आगमन

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