अलवर में हुई अच्छी बारिश से सिलीसेढ़ झील में शानदार हुई सिंघाड़े की खेती, किसानों के चेहरे खिले

Last Updated:October 14, 2025, 19:17 IST
अलवर जिले की प्रसिद्ध सिलीसेढ़ झील न केवल बोटिंग के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां की सिंघाड़े की खेती भी पर्यटकों और किसानों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है. इस झील में 10-15 किसान परिवार सिंघाड़े की खेती करते हैं, जो मार्च में बीज बोते हैं और अक्टूबर में फसल तैयार हो जाती है. झील के मीठे और साफ पानी में उगने के कारण यहां के सिंघाड़े स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, जिनकी मांग राजस्थान, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी रहती है.
अलवर. जिले का सिलीसेढ़ झील और यहां की बोटिंग पर्यटकों की पहली पसंद होती है. इस तरह झील में किसानों द्वारा की गई सिंघाड़े की खेती भी यहां आने वाले लोगों को काफी पसंद आ रही है. सिलीसेढ़ झील से निकलने वाले सिंघाड़े लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. जिले में इस बार हुई अच्छी बारिश के कारण झील में सिंघाड़े की बेल छाई हुई है, जिससे यहां के आसपास के गांव के किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. सिलीसेढ़ झील में करीब 10 से 15 किसान परिवार सिंघाड़े खेती करते हैं. जिनको यह मार्च के महीने में बीज डालते हैं जो जून- जुलाई में पौधा बनकर तैयार हो जाते हैं और झील पर सिंघाड़े की बेल छाई हुई है.
यहां किसान सितंबर माह तक इसकी देख-रेख करते है. अक्टूबर के शुरू में इसमें सिंघाड़े आने लग जाते है जो यहां से अलवर मंड़ी सहित पूरे राजस्थान, दिल्ली के अलावा अन्य प्रदेशों में भेजे जाते हैं. अलवर के सिलीसेढ़ झील से निकलने वाले सिंघाड़े की मांग ज्यादा इसलिए होती है कि यहां तेज बारिश के मीठे और साफ पानी में पैदावार होती है जिसके कारण यहां सिंघाड़े की गुणवत्ता अच्छी होती है.
6 महीने में तैयार होती है सिंघाड़े की फसल
सिलीसेढ़ झील में खेती करने वाले किसान ने बताया कि सिंघाड़े की फसल पूरे 6 महीने में तैयार होती है. जिसका बीज उत्तर प्रदेश के नौखेड़ा क्षेत्र से मंगवाते हैं. जिनको किसान गर्मी के मौसम में लगते हैं और अक्टूबर में निकलना शुरू हो जाता है और बाजारों में बिकने लग जाती है. किसान ने बताया कि अच्छी क्वालिटी के सिंघाड़े बनकर तैयार होते हैं तो करीब 2 लाख रुपए का मुनाफा हो जाता है. किसान मोहनलाल ने बताया कि एक सीजन में 10 से 12 क्विंटल सिंघाड़े का बीज सिलीसेढ़ झील के आधा से एक बीघा में लगाया जाता है. सिलीसेढ़ झील से इन दिनों सिंघाड़े की बेलों से किसान नाव लेकर सिंघाड़े तोड़ रहे है. वहीं झील सहित आसपास के इलाको में सिंघाड़े बेचते नजर आते हैं. इन दिनों सिलीसेढ़ आने वाले पर्यटक यहां के सिंघाड़ों का स्वाद चखे बिना नहीं रहते.
Location :
Alwar,Rajasthan
First Published :
October 14, 2025, 19:17 IST
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अलवर के सिलीसेढ़ झील में सिंघाड़े की खेती और बोटिंग पर्यटकों की पहली पसंद



