इस विशाल शिवलिंग की पूजा से कुंवारे युवक-युवतियों की होती है शादी, माता को झाड़ू चढ़ाने से बुरी शक्तियां होती है दूर

Last Updated:October 14, 2025, 14:06 IST
Sikar Shri Bhav Bhaveshwar Kamnath Mahadev Temple: सीकर जिले के कुंवरपुरा गांव में स्थित श्री भाव भावेश्वर कामनाथ महादेव मंदिर में राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग है. भक्त मानते हैं कि पूर्णिमा के दिन यहां पूजा करने से कुंवारे लड़के और लड़कियों की शादी जल्दी होती है. नंदी महाराज की मूर्ति में कही गई मनोकामना भगवान शिव तक पहुंचती है. पास ही मंशा माता का मंदिर है, जहां झाड़ू चढ़ाने से नजर दोष और चर्म रोग दूर होने की मान्यता है.
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सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मंदिर में स्थापित राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग मौजूद है. यह अनोखा शिवलिंग खाती नाडा कुंवरपुरा गांव में मौजूद है. इस मंदिर को श्री भाव भावेश्वर कामनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर को लेकर अनोखी मान्यता है. इस मंदिर में भगवान गणेश के अलावा माता पार्वती की भी अलग से पूजा होती है. इसके अलावा मंदिर के पास ही मंशा माता का एक प्राचीन मंदिर भी मौजूद है. भक्तों की मान्यता के अनुसार, यह सबसे पहले भगवान शिव को प्रसाद भेट करने के बाद मातापार्वती और मंशा माता को भी भोग लगाया जाता है. इन तीनों मंदिरों में जाने के बाद ही इस भगवान शिव के दर्शन को पूरा माना जाता है.
मंदिर के पुजारी के अनुसार, यह शिवलिंग शेखावाटी का सबसे सबसे बड़ा शिवलिंग है. मान्यता है कि इस मंदिर में पूर्णिमा की दिन पूजा करने से कुंवारे लड़के और लड़कियों की शादी हो जाती है. इस कारण पूर्णिमा को इस मंदिर में भक्तों की भीड़ सबसे ज्यादा रहती है. मंदिर में प्रवेश करते ही चारों तरफ से हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती है. भक्त मानते हैं कि चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन करने पर स्वयं महादेव भक्त की पुकार सुनते हैं.
नंदी के कान में कही जाती है मनोकामना
मंदिर में विशाल शिवलिंग के सामने नंदी महाराज की मूर्ति भी स्थापित है. कहा जाता है कि इस नंदी के कान में कही गई हर बात भगवान शिव तक पहुंच जाती है. इस चमत्कारी मंदिर में सीकर ही नहीं बल्कि दिल्ली, जयपुर और मुंबई जैसे बड़े महानगरों सभी लोग आते हैं. यह भक्त भगवान शिव प्रसाद के रूप में बेल के पत्तों और धतूरे चढ़ते हैं. खास बात ये है कि इस मंदिर में भक्त प्रसाद खरीद के लाने की परम्परा नहीं है, यहां केवल प्राकृतिक चीजों ही प्रसाद चढ़ाया जाता है.
मंदिर में होती है विशेष पूजा-अर्चना
मंदिर में आरती के समय घंटियों की ध्वनि, भजनों की मधुर आवाज, शंख की गूंज भक्तों को भक्ति में लीन कर देता है. श्री भाव भावेश्वर कामनाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव की भस्म से श्रृंगार किया किया जाता है. यहां पूर्णिमा को होने वाली भस्म आरती पूरे सीकर जिले में प्रसिद्ध है. इसी भस्म आरती में कुंवारे लड़के और लड़कियों के शामिल होने से उनका कुछ ही दिनों में रिश्ता पक्का होने की मान्यता है. इसके अलावा शिवरात्रि के दिन बड़ी संख्या में महिलाएं इस विशाल शिवलिंग की पूजा करने आती हैं.
झाड़ू चढ़ाने से ये समस्या हो जाती है दूर
श्री भाव भावेश्वर कामनात महादेव मंदिर के पास मंशा माता का मंदिर है. इस देवी को भक्त प्रसाद के रूप में झाड़ू चढ़ाते हैं. स्थानीय मान्यता है कि मंशा माता के दरबार में झाड़ू चढ़ाने से मूस, फोड़े और फुंसी जैसे चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा नजर दोष और बुरी शक्तियों से भी छुटकारा मिलता है. गांव के लोग कहते हैं कि यह झाड़ू केवल प्रतीक नहीं, बल्कि यह बुरी शक्तियों को दूर करने और नई शुरुआत करने का आशीर्वाद है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
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Sikar,Rajasthan
First Published :
October 14, 2025, 14:06 IST
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सीकर का अद्भुत शिव मंदिर, पूजा से कुंवारे युवक-युवतियों की होती है शादी
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