पटना एम्स में इतिहास रचा गया, ब्रेन डेड महिला के लिवर से युवक का सफल ट्रांसप्लांट, अंगदान से मिला नया जीवन

Last Updated:October 15, 2025, 12:58 IST
Patna AIIMS News : एम्स पटना ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है. यहां पहली बार एक ब्रेन डेड महिला के लिवर से सफलतापूर्वक एक युवक का ट्रांसप्लांट किया गया जो बिहार में एक ऐतिहासिक घटना है.
लिवर ट्रांसप्लांट में एम्स पटना के डॉक्टरों की टीम ने रचा इतिहास
पटना. एम्स पटना ने बिहार के चिकित्सा इतिहास में एक नई उपलब्धि दर्ज की है. यहां पहली बार किसी युवक का लिवर ट्रांसप्लांट एक ब्रेन डेड महिला के लिवर से सफलतापूर्वक किया गया. यह राज्य में अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है. जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर की तेत्री देवी नाम की महिला की ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उनके परिजनों को डॉक्टरों की टीम ने तीन दिनों तक लगातार काउंसलिंग और प्रेरित किया जिसके बाद परिवार ने अंगदान का निर्णय लिया. महिला के लिवर को सुरक्षित रूप से पटना एम्स निकाला गया. बता दें कि 35 वर्षीय युवक का पूरा लिवर खराब हो चुका था और उसे नया जीवन देने के लिए यह प्रत्यारोपण किया गया.
बेहद मुश्किल थी ऑपरेशन की प्रक्रिया
एम्स पटना के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राजू अग्रवाल ने बताया कि यह ऑपरेशन टीम लीडर प्रो. डॉ. उत्पल आनंद की टीम ने करीब 10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद लिवर ट्रांसप्लांट किया है. इसके लिए डॉक्टरों की एक बड़ी टीम ने अत्यंत सावधानी और कुशलता से कार्य किया. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान आईसीयू से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, ताकि लिवर को न्यूनतम समय में प्रत्यारोपण स्थल तक पहुंचाया जा सके.टीम वर्क से आसान हुई जटिल प्रक्रिया
ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले गैस्ट्रो सर्जिकल विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. उत्पल आनंद ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है. इसमें पुराने और खराब लिवर को निकालकर नए स्वस्थ लिवर को स्थापित किया जाता है जो उच्च तकनीकी कौशल और टीम वर्क से ही संभव था. उन्होंने कहा, ब्रेन डेड महिला के लिवर को युवक में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट करना एम्स पटना के लिए गर्व का क्षण है. युवक अब पूरी तरह स्वस्थ है और बातचीत भी कर रहा है.
बिहार में पहली बार ब्रेन डेड महिला के लिवर से युवक का सफल ट्रांसप्लांट पटना एम्स के डॉक्टरों ने किया.
क्रिटिकल केयर की बड़ी भूमिका
क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि इस प्रक्रिया में क्रिटिकल केयर की भूमिका बेहद अहम रही. हर पल मरीज की स्थिति की निगरानी और सभी पैरामीटर्स का नियंत्रण एवं जटिल परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना इस सफलता की कुंजी रहा. एम्स के एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों ने भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और अन्य अंगों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी गई. सफल ट्रांसप्लांट के बाद एम्स निदेशक समेत पूरी डॉक्टरों की टीम ने ब्रेन डेड महिला को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके अंगदान ने एक युवक को नया जीवन दिया.
अंगदान की पहल बनी प्रेरणा
यह उपलब्धि बिहार में अंगदान एवं प्रत्यारोपण कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इसको लेकर हमारे दानापुर संवाददाता अमरजीत शर्मा ने डॉक्टरों की टीम से बात किया है. यह सफल ट्रांसप्लांट न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि अंगदान के महत्व को भी दर्शाता है. ब्रेन डेड तेत्री देवी के परिवार का यह निर्णय एक प्रेरणा है जो अन्य लोगों को भी अंगदान के लिए प्रेरित करेगा.
Vijay jha
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट…और पढ़ें
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First Published :
October 15, 2025, 12:58 IST
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Patna AIIMS ने रचा इतिहास, ब्रेन डेड महिला के लिवर से युवक का सफल ट्रांसप्लांट


