Jaisalmer Bus Fire | DNA Test | Relatives Anger | Mourning in Jodhpur | Justice for Victims

Last Updated:October 15, 2025, 14:43 IST
Jaisalmer Bus Fire: जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद जोधपुर में परिजनों का रो-रोकर दर्द छलका. डीएनए टेस्ट के लिए आए लोग गुस्से और चिंता में दिखाई दिए, आंखें सूज गईं. हादसे की वजह से मातम का माहौल बन गया. परिवारिक सदस्यों की व्यथा और न्याय की उम्मीद साफ नजर आई.
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जैसलमेर: जैसलमेर से जोधपुर आ रही बस में लगी आग ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं. इस दर्दनाक हादसे में मारे गए लोगों के शव जोधपुर लाए गए हैं. अब उनकी पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की जा रही है. हादसे में मृतकों के परिजनों को अस्पताल बुलाया गया, जहां माहौल बेहद गमगीन नजर आया. किसी की आंखों में अपने खोए परिजन की तलाश थी. तो कोई रोते-रोते बेसुध हो गया. अस्पताल परिसर में परिजनों का गुस्सा भी छलक पड़ा. कई लोगों ने प्रशासन से सवाल किए कि आखिर बसों में आग लगने की घटनाएं कब तक होती रहेंगी. जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और एम्स में शवों की डीएनए जांच की जा रही है.
20 शवों को जांच के लिए जोधपुर लाया गया है. इनमें से 9 शव महात्मा गांधी अस्पताल में जबकि 10 शव एम्स जोधपुर भेजे गए हैं. एक शव पहले से जोधपुर में मौजूद था.
महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह ने बताया कि डीएनए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि मृतकों की शिनाख्त जल्द से जल्द हो सके. उन्होंने बताया कि हादसे में घायल 13 लोगों में से 5 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि 8 की हालत गंभीर बनी हुई है. सभी मरीजों की विशेष निगरानी की जा रही है. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की पूरी टीम चौबीसों घंटे ड्यूटी पर है.
पल-पल नजर रखे हुएअस्पताल प्रशासन ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टर हर मरीज की स्थिति पर पल-पल नजर रखे हुए हैं. वहीं, परिजनों के ठहरने और सहायता के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं. लेकिन गम और गुस्से के बीच परिजनों का सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा है.
डीएनए सैंपलिंग में देरी से परिवार नाराजजैसलमेर बस हादसे में जोधपुर निवासी जितेश चौहान की भी मौत हुई है. वे जोधपुर के नेहरू नगर के रहने वाले थे और जैसलमेर सोलर प्लांट में काम करते थे. उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा, एक बेटी है.परिवार डीएनए सैंपल देने के लिए आज सुबह करीब 7:30 बजे महात्मा गांधी हॉस्पिटल पहुंच गया था. लेकिन सैंपल देरी से लिए जाने से परिजनों में आक्रोश है. जितेश के चचेरे भाई अमरचंद ने बताया कि अभी तक सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिससे वह परेशान हो रहे हैं. उन्हें घर में बच्चों और परिवार को भी संभालना है.
जोधपुर और जैसलमेर के हॉस्पिटल में लिए जा रहे हैं. सैंपल मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों से डीएनए सैंपल लिए जाएंगे. इसके लिए जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के कॉटेज संख्या 4 और 5 में और जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई है. इस प्रक्रिया के लिए अजमेर और बीकानेर से भी टीमें बुलाई गई हैं.
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
October 15, 2025, 14:43 IST
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जोधपुर में परिजनों का फूटा गुस्सा, DNA टेस्ट के दौरान झलका मृतकों का शोक