नागौर के रविन्द्र कुमावत को पहली बार में 541वीं रैंक

Last Updated:October 16, 2025, 15:09 IST
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी RAS 2023 के फाइनल परिणाम में नागौर जिले के घाटवा गांव निवासी रविन्द्र कुमावत ने पहले ही प्रयास में 541वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इससे पहले वे 2025 में जूनियर असिस्टेंट और जूनियर अकाउंटेंट परीक्षाएं भी पास कर चुके हैं.
रविन्द्र वर्तमान में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं. रविन्द्र कुमावत ने बताया कि वे सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहे ताकि ध्यान केवल पढ़ाई पर ध्यान रखा. जहां आज के युवा सोशल मीडिया से अपनी नजर नहीं हटा रहे, वही नागौर जिले के इस युवा ने RAS जैसी कठिन परीक्षा को सोशल मीडिया से दूर रहकर पास करके दिखाया है. त्यौहारों के दौरान ही वह घर जाते थे, जब बाकी लोग जश्न मनाते, तब ये अपने कमरे में अकेले बैठकर पढ़ाई करते थे. उनका मानना है कि अनुशासन और एकाग्रता ही सफलता की कुंजी होती है.
उन्होंने बताया कि उनके पिता जगदीश प्रसाद कुमावत, मजदूर हैं और माता गृहिणी हैं. परिवार ने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया और लगातार मोटिवेट किया. रविन्द्र का कहना है कि परिवार के सहयोग और प्रेरणा ने उन्हें हर कठिनाई में मजबूती दी और लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की. उन्होंने बताया कि जब भी वह निराश होते थे या पढ़ाई में मन नहीं लगता था तो वह अपनी माता से बात कर लिया करते थे घर पर बात करने से उनमें पढ़ाई के प्रति और भी ज्यादा जोश आ जाता था.
रविन्द्र कुमावत 2025 में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर चयनित होकर जोधपुर में सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे रोजाना ड्यूटी पर जाने से पहले सुबह 4 घंटे पढ़ाई करते थे. रविन्द्र ने RAS का यह पहला एग्जाम दिया और इस में 541 वीं रैंक पर चयनित हुए. और हमेशा से प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा रखते थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी की. उन्होंने बताया कि सफलता प्राप्त करने के लिए उन्होंने नियमित रूप से पढ़ाई की और सबसे ज्यादा जरूरी रिवीजन को कभी उन्होंने छोडा नहीं समय-समय पर उन्होंने हमेशा रिवीजन किया.
रविंद्र कुमावत ने बताया कि मैं अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर थे.सुबह जल्दी उठकर रिवीजन करना उनका मुख्य उद्देश्य होता था.इसके साथ इन्होंने अपनी मेहनत को जांचने के लिए टेस्ट सीरीज का उपयोग भी किया.पढ़ाई के लिए टाइम निकालने के लिए वह अपने मित्र ग्रुप व रिश्तेदारों से दूर रहे. रविन्द्र ने साइंस से बीएससी (BSC) किया है. कॉलेज के समय से ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे प्रशासनिक सेवा में जाएंगे. उन्होंने सिविल सेवा को ही अपना लक्ष्य बनाया और उसी दिशा में निरंतर मेहनत जारी रखी. एक ही साल में तीन सेवाओं में चयन हासिल किया है. उनकी नियमित मेहनत और लगाव ने उन्हें इस पद तक पहुंचाया है.
उन्होंने बताया कि जूनियर अस्सिटेंट 2025 में नागौर कलेक्ट्रेट में चयन हुआ उसके बाद जूनियर अकाउंटेंट 2025 में चयन हुआ और जोधपुर में सेवा दे रहे हैं. और नौकरी के कारण फील्ड में लगातार रहना पड़ता था और जिम्मेदारी भरी नौकरी थी, जिससे पढ़ाई के लिए समय निकालना मुश्किल होता था. इसके बावजूद उन्होंने अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित किया. रोजाना लगभग 10 घंटे तक पढ़ाई करते थे. नौकरी करने के साथ-साथ 10 घंटे पढ़ाई के लिए निकलना बहुत मुश्किल है इसे पता चलता है कि उनके अंदर प्रशासनिक सेवा में जाने का जज्बा सबसे अलग था.
First Published :
October 16, 2025, 15:09 IST
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RPSC RAS 2023: नागौर के रविन्द्र कुमावत को पहली बार में 541वीं रैंक