Rajasthan

Dholpur Snake Bite: धोलपुर में सर्पदंश से भाई-बहन की मौत

हरवीर शर्मा.

धोलपुर: कोतवाली थाना क्षेत्र के भैंसेना का पुरा गांव बुधवार रात एक दिल दहलाने वाली घटना का गवाह बना, जिसने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया. जहरीले सांप के काटने से सगे भाई-बहन, 10 साल की बेटी मनु और 5 साल के बेटे अभिनंदन की दर्दनाक मौत हो गई. यह घटना दीपावली के त्यौहार से ठीक पहले हुई, जिससे चंद्रभान सिंह लोधी के परिवार का चिराग बुझ गया और पूरे गांव में गहरा मातम छा गया है.

मृतक बच्चों के पिता चंद्रभान सिंह ने बताया कि बुधवार रात करीब 11 बजे दोनों बच्चे अपने घर में सो रहे थे. मनु चारपाई पर थी जबकि अभिनंदन बेड पर सोया था. इसी दौरान एक जहरीला सांप घर में घुस आया. सांप ने सबसे पहले मनु के कान के पास डस लिया. इसके बाद सांप अभिनंदन के पास पहुंचा और उसके पेट पर डस लिया. मनु ने तुरंत कान में तेज जलन की शिकायत अपनी मां से की. जल्द ही दोनों बच्चों की हालत बिगड़ने लगी; उन्हें उल्टियां होने लगीं और बेहोशी छाने लगी.

देसी इलाज में गंवाया महत्वपूर्ण समयघबराए परिजन दोनों बच्चों को तुरंत धोलपुर के जिला अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले गांव में कुछ नीम-हकीमों ने भी इलाज की कोशिश की, जिसमें इलाज का महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो गया.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए तुरंत हायर सेंटर ग्वालियर रेफर कर दिया. परिजन बच्चों को लेकर ग्वालियर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने दोनों मासूमों को मृत घोषित कर दिया. हताश परिजन सुबह बच्चों के शव लेकर घर लौट आए.

पुलिस की जांच और ग्रामीणों का आक्रोशघटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची. उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि दोनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि सांप घर के अंदर कैसे आया और गांव के लोग सर्पदंश को लेकर कितने जागरूक हैं.

इस दुखद हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने सांप को ढूंढकर मार डाला. गांव में डर और दुख का माहौल है, और लोग इस घटना से स्तब्ध हैं.

जागरूकता और सरकारी सहायता की मांगग्रामीणों ने इस त्रासदी के बाद प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है:

एंटी-वेनम की उपलब्धता: ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि गांव के नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी-वेनम इंजेक्शन (Anti-Venom Injection) की पर्याप्त और त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
जागरूकता शिविर: सर्पदंश होने पर तुरंत क्या करें और क्या न करें, इसके लिए विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं.
आर्थिक सहायता: स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष या आपदा राहत कोष से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है.

यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और सर्पदंश से बचाव के उपायों की कमी को उजागर करती है.

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