Health Tips: जानिए क्यों आयुर्वेद में जमीकंद को कहा गया ‘कंदों का राजा, स्वाद, सेहत और औषधीय गुणों का है ख़जाना!

Last Updated:October 19, 2025, 15:06 IST
जमीकंद, जिसे आयुर्वेद में ‘कंदों का राजा’ कहा जाता है, न केवल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए जाना जाता है बल्कि यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह एक औषधीय कंदमूल है जो पाचन तंत्र को मज़बूत करता है, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है और वजन घटाने में सहायक है. इसकी सब्ज़ी, कोफ्ता, अचार और चिप्स जैसे कई रूपों में इसका स्वाद भी अनोखा होता है. जमीकंद की खेती अब ग्रामीण क्षेत्रों में आम हो गई है, क्योंकि इसमें पोषण और आयुर्वेदिक गुणों की भरमार है.
प्रकृति में ऐसे अनेक पेड़-पौधे पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ऐसा ही एक पौधा है जमीकंद, जो कोई साधारण पौधा नहीं बल्कि एक औषधीय कंदमूल है. इसकी जड़ें मिट्टी के अंदर गहराई तक फैली होती हैं, जो दिखने में थोड़ी अजीब और बड़ी होती हैं, लेकिन इसके फायदे कई गुना अधिक हैं. इस कारण अब इसकी खेती किसान भी करने लगे हैं. इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है और इसका उपयोग रसोई से लेकर आयुर्वेदिक औषधियों तक किया जाता है.
जमीकंद का पौधा एक कंद वर्गीय पौधा है जो गर्म और नम जलवायु में अच्छी तरह उगता है. इसके पत्ते बड़े और हरे होते हैं तथा इसकी जड़ मोटी, भूरे रंग की और अंदर से हल्की गुलाबी या सफेद दिखाई देती है. इसका उपयोग कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में किया जाता है. खासकर इसकी बहुत स्वादिष्ट सब्जी भी बनाई जाती है.
ग्रामीण महिला ललिता देवी ने बताया कि जमीकंद की सब्ज़ी भी बनाई जा सकती हैं. इसे बनाने के लिए मसालेदार ग्रेवी में पकाई गई यह डिश बेहद स्वादिष्ट होती है. इसके अलावा इसके उपयोग से जिमीकंद फ्राई और भुजिया बनाकर किया जा सकता है. हल्की तली हुई कुरकुरी डिश, नाश्ते के लिए परफेक्ट होती है. जमीकंद से न केवल सब्जी, बल्कि इसका अचार भी बनाया जा सकता है जो बेहद स्वादिष्ट होता है और इसका तीखा व चटपटा अचार जो लंबे समय तक सुरक्षित रहता है.
हमने आज तक आलू के कोफ्ता करी खाई है, लेकिन जमीकंद कोफ्ता करी का स्वाद अलग लेवल का होता है. खास अवसरों पर बनाई जाने वाली स्वादिष्ट डिश, कोफ्ते सूरण के होते हैं. इसकी सबसे रोचक बात यह है की जमीकंद के चिप्स घर पर बना सकते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. पतले कटे हुए टुकड़ों को सुखाकर और फ्राई करके स्वादिष्ट स्नैक बनाया जाता है. दही सूरण के रूप में उपयोग कर सकते हैं. उबले सूरण को दही और मसालों के साथ मिलाकर बनाया जाने वाला हेल्दी व्यंजन है.
औषधीय और स्वास्थ्य लाभ: जमीकंद सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि औषधीय रूप से भी बेहद लाभकारी है. आयुर्वेद में इसे कंद राजा कहा गया है, हेल्थ एक्सपर्ट ने इसके प्रमुख स्वास्थ्य लाभ के बारे मे बताया है. उनके अनुसार पाचन शक्ति बढ़ाने में मददगार होता है. इसमें मौजूद फाइबर पाचन को मजबूत बनाता है और कब्ज़ से राहत देता है और ब्लड शुगर कंट्रोल करता है. जमीकंद में प्राकृतिक स्टार्च होता है जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद है. इसी के साथ बढ़ते मोटापे की समस्या के लिए यह बेहद लाभकारी है. इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज़्यादा होता है, जिससे यह वजन घटाने में मदद करता है.
हेल्थ एक्सपर्ट ने के अनुसार यह कोलेस्ट्रॉल घटाता है यह शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. यह हड्डिया मज़बूत करता है, इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन जैसे मिनरल्स होते हैं. यह त्वचा रोगों में उपयोगी होता है. सूरण का लेप लगाने से त्वचा की खुजली और सूजन में आराम मिलता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो शरीर में सूजन और टॉक्सिन्स को कम करता है. इसका सबसे बड़ा स्वास्थ्य लाभ महिलाओं के लिए होता है. हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में सहायक है.
First Published :
October 19, 2025, 15:06 IST
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जानिए जमीकंद के फायदे स्वास्थ्य और स्वाद के लिए उपयोग और औषधीय गुण