KhatuShyam ji: आज से 20 घंटे के बन्द होगा खाटूश्याम जी मंदिर, भव्य श्रृंगार और विशेष पूजा के लिए तैयारी

Last Updated:October 19, 2025, 20:48 IST
KhatuShyam ji: खाटूश्यामजी मंदिर दीपावली पर करीब 20 घंटे बंद रहेगा. 19 अक्टूबर रात 10 बजे से 20 अक्टूबर शाम 6 बजे तक केवल पुजारी और सेवादार विशेष पूजा करेंगे. मुख्य दीपावली पर संध्या आरती के बाद भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे निर्धारित समय तक दर्शन के लिए प्रतीक्षा करें.
सीकर : विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर से भक्तों के लिए बड़ी खबर है, दीपावली पर्व पर मंदिर प्रशासन ने करीब 20 घंटे तक मंदिर बंद रखने का निर्णय लिया है. यह फैसला मंदिर में होने वाली विशेष पूजा और सजावट को ध्यान में रखकर लिया गया है ताकि दिवाली पर बाबा श्याम का भव्य श्रृंगार संपन्न हो सके. दीपावली के अवसर पर बाबा श्याम के मंदिर को फूलों, लाइटों और विशेष सजावट से सजाया गया है.
इस दौरान मंदिर में बाबा श्याम का दिव्य श्रृंगार और विशेष पूजा-अर्चना होगी. भक्तों को दीपावली के दिन बाबा के भव्य दर्शन के लिए अगले दिन तक इंतजार करना होगा. यह परंपरा हर साल दीपावली पर निभाई जाती है. श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि दीपावली पर बाबा श्याम का स्नान और विशेष पूजा की जाती है. इस दिन बाबा श्याम अपने मूल स्वरूप में विराजमान होते हैं.
अमावस्या पर स्नान करवाने की यह परंपरा वर्षों पुरानी है, इसी कारण मंदिर अस्थायी रूप से भक्तों के लिए बंद रखा जाता है. कमेटी मंत्री चौहान ने बताया कि छोटी दीपावली की रात से मुख्य दीपावली तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. आज 19 अक्टूबर को रात 10 बजे से लेकर 20 अक्टूबर की शाम 6 बजे तक दर्शन नहीं हो सकेंगे. इस अवधि में केवल मंदिर के पुजारी और सेवादार ही विशेष पूजा-अर्चना करेंगे.
मुख्य दीपावली पर यानी कल 20 अक्टूबर की शाम 6 बजे संध्या आरती के साथ मंदिर के कपाट पुनः खोले जाएंगे. इसके बाद भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे बंद अवधि में मंदिर न आएं और निर्धारित समय के बाद ही दर्शन के लिए पहुंचे.
कौन है बाबा श्याम: आपको बता दें कि बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है और उन्हें भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की ओर से युद्ध में उतरने जा रहे थे, तभी भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण वेश में उनसे शीश दान मांगा.
बर्बरीक ने बिना झिझक भगवान कृष्ण को अपना शीश दान कर दिया. इससे प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने वरदान दिया कि कलियुग में उन्हें श्याम नाम से पूजा जाएगा और वे हारे हुए लोगों के सहारा बनेंगे. तभी से बाबा श्याम भक्तों के बीच हारे के सहारे के नाम से पूजे जाते हैं.
First Published :
October 19, 2025, 20:48 IST
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खाटूश्यामजी मंदिर दीपावली पर बंद, भव्य श्रृंगार और विशेष पूजा का आयोजन