11 हजार दीपों से जगमगाया जोधपुर का अक्षरधाम, पहली दिवाली पर उमड़ा श्रद्धा और सौंदर्य का संगम, देखें मनमोहक नजारा

Last Updated:October 20, 2025, 06:06 IST
Jodhpur Akshardham Mandir Diwali: दीपावली की पूर्व संध्या पर जोधपुर के काली बेरी स्थित अक्षरधाम मंदिर परिसर 11,000 दीपकों की दिव्य रोशनी से आलोकित हो उठा. मंदिर के उद्घाटन के बाद यह पहली दीपावली थी, जिसे भक्तिमय और भव्य रूप से मनाया गया. नरक चतुर्दशी पर आयोजित हनुमान पूजा और दीप प्रज्वलन समारोह में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया. हर गलियारे, आंगन और सीढ़ियों पर सजे दीपों ने मंदिर की भव्यता को और निखार दिया.
क्योंकि अक्षरधाम के उद्घाटन के बाद यह पहली दीपावली है, जो भक्तिमय और भव्य रूप से मनाई जा रही है.
नरक चतुर्दशी के पावन अवसर पर आयोजित हनुमान पूजा एवं दीप प्रज्वलन समारोह में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया. पूरे परिसर में दीपमालाओं से एक दिव्य एवं आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण हुआ. हजारों की दीयों की रोशनी से पूरा अक्षरधाम मंदिर जगमगा उठा.
अक्षरधाम मंदिर के उद्घाटन के बाद यह पहली दीपावली है, जो भक्तिमय और भव्य रूप से मनाई जा रही है. इसी तरह से शहर के प्रमुख बाजार भी दिवाली की रोशनी से नहाए नजर आए. रंग-बिरंगी रोशनी ने एक अद्भुत नजारा पेश किया, जिसे शहरवासियों ने अपनी छतों और घरों से कैमरे में कैद किया.
अक्षरधाम में इस पावन अवसर पर आयोजित हनुमान पूजा एवं दीप प्रज्वलन समारोह में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और पूरे परिसर में दीपमालाओं से एक दिव्य एवं आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण हुआ. अक्षरधाम मंदिर अब जोधपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक नया प्रतीक बन गया है.
इस मौके पर योगी प्रेम स्वामी ने प्रवचन में दीपावली के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दीपावली केवल बाहरी रोशनी का नहीं, बल्कि आत्मिक प्रकाश का पर्व है. जैसे दीप अंधकार को दूर करता है, वैसे ही संत और गुरु हमारे जीवन से क्रोध, लोभ, अहंकार और अज्ञान के अंधकार को दूर कर आत्मज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं.
दीपमालाओं से सजे गलियारे, चमकते आंगन और मंदिर की परिधि हर कोना स्वर्णिम प्रतीत हो रहा था. दीपों की लड़ी ने मंदिर की वास्तुकला को और भी भव्य बना दिया.<br />रंगोली और फूलों की पंखुड़ियों से सजी सीढ़ियां अद्भुत दृश्य दे रही थी. हर दीप मानो श्रद्धा का प्रतीक बनकर प्रकाश फैला रहा था.
अक्षरधाम की यह पहली दीपावली ऐतिहासिक रही. जहा भक्ति, सौंदर्य और आध्यात्मिकता ने मिलकर अनुपम दृश्य रचा. लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा. हर आंख में संतोष और हर चेहरे पर मुस्कान झलक रही थी. दीपों की इस ज्योति ने जोधपुर की रात को स्वर्णिम आभा में रंग दिया.
First Published :
October 20, 2025, 06:06 IST
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दीपों की सुनहरी आभा में नहाया अक्षरधाम, 11 हजार दीपों से रौशन हो उठा मंदिर